India News (इंडिया न्यूज़), CM Sukhu, Himachal: सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार को हवाई सर्वेक्षण के माध्यम से जिला कांगड़ा के फतेहपुर और इंदौरा विधानसभा के क्षेत्रों में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। उन्होंने पौंग जलाश्य से आगे की ओर बाढ़ की वजह से फंसे लोगों को निकालने के लिए चलाए हुए राहत अभियान का जायजा भी लिया गया। इसके पश्चात वह डमटाल और शेखपुरा पहुंचे जहां जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने राहत शिविरों का निरीक्षण किया और लोगों से बातचीत की।
उन्होंने खाद्य पदार्थों, चिकित्सा सुविधा, अन्य आवश्यक दवाओं सहित एंटी-वेनम दवाई पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने राधा स्वामी सत्संग भवन शेखपुरा में स्थापित राहत शिविर में प्रभावितों के साथ भोजन किया। मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए सीएम सुक्खू कहा कि पौंग जलाशय के बहाव क्षेत्र में बाढ़ के कारण इंदौरा और फतेहपुर क्षेत्र की 27 पंचायतें प्रभावित हुई हैं, जिनमें से 22 पंचायतें अधिक प्रभावित हैं। इन क्षेत्रों से अब तक लगभग 1150 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना, सेना, राष्ट्रीय एवं राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, पुलिस और होमगार्ड को बचाव अभियान में लगाया गया है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन प्रभावित लोगों के लिए मुफ्त आवास और भोजन के अलावा चिकित्सा सहायता की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि पिछले 50 वर्षों में यह राज्य की सबसे विनाशकारी प्राकृतिक आपदा है और इससे घरों और फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। राहत और मुआवजे के तौर पर इन क्षेत्रों के लिए एक विशेष पैकेज प्रदान किया जाएगा। प्रदेश सरकार द्वारा अभी आई परेशानी के समय प्रभावितों के लिए मुआवजा राशि बढ़ाने का फैसला लिया गया है एवं इसके तहत इस क्षेत्र में बाढ़ प्रभावितों को भी मुआवजा बढ़ा कर ही प्रदान किया जाएगा।
सरकार द्वारा आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए एक लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी तथा उनके पुनर्निर्माण के लिए भी हरसंभव सहायता की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों द्वारा यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि जिन छात्रों की पढ़ाई प्राकृतिक आपदा की वजह से प्रभावित हुई है उनके लिए अतिरिक्त कक्षाओं की व्यवस्था की जाए। सीएम हेलीपैड पर भी गए और आपदा से सुरक्षित निकाले गए प्रवासी मज़दूरों से भेंट कर उन्हें विश्वास दिलाया कि प्रदेश सरकार उनकी सहायता के लिए सभी व्यवस्थाएं करेगी और यदि वे अपने राज्य वापस जाना चाहते हैं तो उसके अनुरूप व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने प्रशासन को इन सभी प्रवासी मज़दूरों को रोजमर्रा का सामान उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए। विधानसभा मानसून सत्र के मुद्दे पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री का कहना था कि पूरे प्रदेश भर में इस आपदा के समय सरकार की प्राथमिकता बचाव तथा राहत उपाय कर स्थिति को सामान्य करना है। सीएम ने कहा कि यदि इस समय सत्र बुलाया जाता है तो बचाव और राहत अभियान में लगे सुरक्षाकर्मियों को विधानसभा से संबंधित कर्त्तव्यों के लिए तैनात करना होगा, जिससे राहत प्रक्रिया में बाधा आएगी।
काठगढ़ शिव मंदिर समिति के अध्यक्ष ओपी कटोच द्वारा इस अवसर पर सीएम राहत कोष के लिए एक लाख रुपए का चेक भेंट किया गया है। इस मौके पर कृषि मंत्री चंद्र कुमार, राज्य औद्योगिक विकास निगम के उपाध्यक्ष, विधायक भवानी सिंह पठानिया और मलेंदर राजन तथा पूर्व विधायक अजय महाजन, पुलिस जिला नूरपुर के पुलिस अधीक्षक अशोक रतन, उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल सहित और भी कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
ये भी पढ़े- हिमाचल में अवैध भवन निमार्ण पर होगी सख्त कार्रवाई, भवन निर्माण की अनुमति से पहले होगी जमीन की जांच