India News(इंडिया न्यूज़), CM Sukhu: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश विविधता से समृद्ध है तथा नाजुक हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस बहुमूल्य प्राकृतिक सम्पदा का वैज्ञानिक प्रबंधन तथा संरक्षण करना सभी का दायित्व है। जंगल की आग पर्यावरण संतुलन के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करती है, क्योंकि अनेक परिवार भोजन, ईंधन और चारे के लिए वन संपदा पर निर्भर होते हैं।
हिमाचल प्रदेश में आग की घटनाएं अधिकारियों और नागरिकों के लिए चिंता का एक प्रमुख कारण रही हैं, खासकर जब वन राज्य के पर्यावरण, पारिस्थितिक और आर्थिक कल्याण के लिए महत्वपूर्ण हैं।
राज्य सरकार वन अग्नि की समस्या को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के लिए वन अग्नि प्रबंधन रणनीति में व्यापक पैमाने पर सुधार कर रही है। हालाँकि इस वर्ष बदले हुए मौसम की स्थिति के दृष्टिगत गर्मियाँ बहुत कठोर नहीं थीं, फिर भी महत्वपूर्ण वन अग्नि प्रबंधन तत्वों जैसे रणनीतिक अग्निशमन केंद्रों, विभिन्न विभागों के बीच समन्वय, वित्त पोषण, मानव संसाधन विकास, अग्नि अनुसंधान, अग्नि प्रबंधन और विस्तार कार्यक्रमों पर विशेष बल दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि वन अग्नि को नियंत्रित करने के लिए संवेदनशील वनों को विभाजित करना बहुत अनिवार्य है। इसके तहत पंचायतों और स्थानीय समुदायों के साथ पारस्परिक समन्वय और जागरूकता अभियान शुरू करना महत्वपूर्ण है। जंगल की आग कुछ वन पारिस्थितिक तंत्रों के भीतर एक प्राकृतिक घटना है, लेकिन कुछ वर्षों में, आग अधिक विकराल और व्यापक रूप ले लेती है।
बिजली गिरने जैसे प्राकृतिक कारणों से पेड़ों में आग लग सकती है जो हवा से फैल सकती है। मानव निर्मित कारणों वन अग्नि को नियंत्रित करना नितांत आवश्यक है। विशेष रूप से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर जागरूकता पैदा करना महत्वपूर्ण है। स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों की भागीदारी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग ने जंगल की आग पर काबू पाने के लिए रैपिड फायर एक्शन टीम का भी गठन किया है। जंगल में आग लगने की स्थिति में यह टीम वन विभाग को व्हाट्सएप के माध्यम से आग लगने की सूचना देगी। स्थानीय लोगों को जंगल की आग के दुष्प्रभाव और किसी भी आग की घटना की स्थिति में उनकी भूमिका के बारे में जागरूक किया जा रहा है।