India news: (इंडिया न्यूज़), Counterfeit medicine, शिमला: नकली दवाओं को बेचने वाली गिरोह ने एक बार फिर ओडिशा में नकली दवा (counterfeit medicine) सप्लाई किया है। इस गिरोह को वाराणसी में पकड़ लिया गया है। गिरोह ने एक बार फिर हिमाचल का नाम लिया है, जिसके बाद हिमाचल की दवा कंपनियों पर सवाल खड़े होने लगे हैं। पकड़े गए पांच अंतरराज्यीय दवा गिरोह के सदस्यों ने एक बार फिर हिमाचल का नाम लिया है। आरोपियों ने बताया कि वह हिमाचल से भी नकली दवा लाकर ओडिशा समेत अन्य राज्यों में बेचते हैं।
इन लोगों ने फर्जी दवा कंपनी खोली थी, जिसके चलते नकली दवाओं का निर्माण कर रहे थे। इस दौरान ड्रग विभाग ने बद्दी में नकली दवाएं बनाने वाली कंपनियों को पर एक्शन लेने के बाद आगरा के कई ठिकानों पर भी नकली दवाओं की भारी खेप पकड़ी थी। वहीं अब वाराणसी में नकली दवाओं के पकड़े जाने के बाद हिमाचल के दवा विभाग पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं।
अगर ड्रग्स विभाग यहां पर छापेमारी करे तो नकली दवा बनाने वाले गिरोह नहीं पनप पाएंगे। जिस तरह से आरोपियों ने हिमाचल का नाम लिया, उससे लगता है कि अभी भी हिमाचल के बद्दी या अन्य इलाकों में नकली दवाओं को बनाने के गिरोह एक्टिव हो सकते हैं। फर्जी दवा कंपनियों की आड़ में नकली दवाओं का निर्माण करके देश के कई हिस्सों में सप्लाई की जा रही है।
हिमाचल में 600 से ज्यादा दवा कंपनियां हैं। जिसमें केवल 350 से ज्यादा कंपनी बद्दी में ही है। देशभर में हर साल बीबीएन से करोड़ो की दवाए सप्लाई की जाती हैं। यहां पर कई नामी कंपनियों भी लगाई गई हैं। ऐसे में इन नामी कंपनियों की आड़ में कुछ गिरोह नकली दवाओं का भी निर्माण कर रहा है। जिसका खुलासा दवा विभाग नवंबर में ही कर दिया है।