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देश के दूसरे हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का पीएम करेंगे लोकार्पण

• LAST UPDATED : October 1, 2022

इंडिया न्यूज, बिलासपुर, (Country’s Second Hydro Engineering College) : देश के दूसरे हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का लोकार्पण देश के पीएम पांच अक्टूबर को करेंगे। इससे राज्य की विकास द्रुत गति से होगी। देश के विकास के लिए हमेशा बलिदान देने वाला हिमाचल प्रदेश का बिलासपुर जिला अब विकास की राह पर है।

एम्स के बाद अब यहां शिक्षा के क्षेत्र का बड़ा संस्थान देश का दूसरा हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज भी बनकर तैयार है। इस संस्थान का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 अप्रैल 2017 को शिमला दौरे के दौरान आॅनलाइन किया था। अब करीब साढ़े पांच साल बाद प्रधानमंत्री पांच अक्टूबर को मोदी ही औपचारिक रूप से इसे हिमाचल को समर्पित करेंगे।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कॉलेज बनाने का देखा था सपना

Country's Second Hydro Engineering College

वर्ष 2009 में वर्तमान समय के भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने बिलासपुर की बंदलाधार में हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज बनाने का सपना देखा। 29 जुलाई 2016 को दिल्ली में इसका एमओयू साइन हुआ। नई दिल्ली में हिमाचल सरकार, एनएचपीसी और एनटीपीसी के बीच इसको लेकर एमओयू साइन किया गया।

उस समय तक यह देश का पहला हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज था, लेकिन बंदला में कॉलेज भवन का निर्माण करने और अन्य प्रक्रिया पूरी करने में समय लगा। इस बीच उत्तराखंड के टिहरी में कॉलेज शुरू हो गया। वर्ष 2017-18 से कॉलेज में पहला बैच नगरोटा बगवां में शुरू हुआ।

इसमें दोनों निगम एनएचपीसी और एनटीपीसी ने प्रथम चरण में 75 करोड़ रुपये और दूसरे चरण में 50 करोड़ रुपये का योगदान किया। कॉलेज में सिविल, इलेक्ट्रिकल, मेकेनिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग की 240 सीटें भरी जाएंगी। वर्तमान में सिविल और इलेक्ट्रिकल ट्रेड में ही कक्षाएं लग रही हैं। हर पाठ्यक्रम में 60-60 सीटों के लिए एडमिशन हुआ है।

एमओयू के समय ये लोग थे मौजूद

हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक राजेश्वर गोयल, एनटीपीसी की ओर से क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक हाइड्रो केके सिंह और एनएचपीसी की ओर से कार्यकारी निदेशक (सीएसआर एंड एसडी) एच. मित्रा ने एमओयू पर अपना हस्ताक्षर कर इसे अमली जामा पहनाया।

उस समय तत्कालीन केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल, तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा, हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर और प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री जीएस बाली भी मौजूद थे।

हिमाचल में 20,000 मेगावाट हाइड्रो पावर की हैं क्षमता

Country's Second Hydro Engineering College

हिमाचल प्रदेश में 20,000 मेगावाट से अधिक की हाइड्रो पावर क्षमता है। देश में इसका लगभग 35 प्रतिशत हिस्सा हिमाचल प्रदेश में ही उत्पादित होता है। एनटीपीसी और एनएचपीसी राज्य में कई परियोजनाओं के संचालन और निर्माण में लगी हुई हैं।

हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज बंदला की अधिसूचना नौ सितंबर 2016 को राज्य सरकार ने जारी की थी। कॉलेज सोसाइटी का पंजीकरण 17 मार्च 2017 को हुआ। नगरोटा बगवां में सिविल, इलेक्ट्रिकल ट्रेड में अकादमिक सेशन साल 2017-18 शुरू हुआ। बंदला में भवन निर्माण के लिए चार अप्रैल 2018 को टेंडर जारी हुआ और जुलाई 2018 में निर्माण शुरू हुआ।

कालेज की प्रारंभिक लागत 75 करोड़ थी, जो बढ़कर 105 करोड़ हो गई। वहीं मास्टर प्लान में बदलाव के बाद 140 करोड़ इसकी लागत पहुंच गई है। इसका निर्माण कार्य 25 माह में पूरा होना था, लेकिन कोविड के कारण इसके निर्माण में काफी देर हुई और यह 2021 में बनकर तैयार हुआ। दिसंबर 2021 में प्रथम वर्ष की कक्षाएं शुरू हुईं।

एआईसीटीई ने दी मंजूरी

आॅल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजूकेशन (एआईसीटीई) ने बंदला में 2021-22 के बैच के लिए एक सितंबर 2021 को अनुमति दी। वहीं अब 21 सितंबर 2022 को पूरा कॉलेज बंदला शिफ्ट कर दिया गया है। वर्तमान समय में प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष की कक्षाएं बंदला में शुरू की गई हैं। इस संस्थान में 529 प्रशिक्षु सिविल और इलेक्ट्रिकल ट्रेड में प्रशिक्षण ले रहे हैं।

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