India News (इंडिया न्यूज़), Crypto Currency Fraud, Himachal: क्रिप्टो करेंसी वर्चुअल मनी है। क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने पर मिलने वाले मुनाफे पर भारत सरकार ने 30 फीसदी टैक्स लगा रखा है। क्रिप्टो करेंसी में सही माध्यम से निवेश करने से कई लोगों को मुनाफा हुआ भी है, लेकिन शातिर क्रिप्टो करेंसी के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहे थे। निवेश के नाम पर धनराशि तो ले रहे थे, लेकिन वास्तव में निवेश करने के बजाए धनराशि हड़प ली जा रही थी।
हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी करने के मामले में रोजाना नए पीड़ित सामने आ रहे हैं। इसी बीच सामने आया है कि तीन फर्जी वेबसाइट के जरिए क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी का काला धंधा चला रहे थे। एमएलएम यानि मल्टी लेवल मार्केट के जरिए लोगों को ठगी का शिकार बनाया जाता था। फर्जी वेबसाइट में कॉइन और डॉलर में हाई रिटर्न दिखाकर लोगों को खुश किया जाता है। इन्हें देखकर नए लोग खुद ही निवेश करने को मजबूर हो जाते हैं।
जांच में यह पाया गया है कि फर्जी वेबसाइट में मनगढ़ंत हाई रिटर्न दिखाकर लोगों को शुरू में रुपए देते रहे, परंतु बाद में जब सब मैनेज करना मुश्किल हो गया तो मुख्य आरोपी भूमिगत हो गए। इसी के साथ वेबसाइट भी बंद कर दी गई। शातिर क्रिप्टो करेंसी की तरह कोरव्यू, डीजीटी, बीटपैड फर्जी वेबसाइट में निवेश करने के बात कहते रहे। बाकायदा पीड़ितों को उनकी ग्रोथ और रिटर्न दिखाई जाती रही। अब तक सामने आए अधिकतर मामलों में नकदी ही पीड़ित लोगों ने शातिरों को दी है, तो वहीं ऑनलाइन भुगतान बेहद कम हुआ है।
शातिरों ने एमएलएम के तहत ऊपर से नीचे तक की चेन बनाई हुई थी और महंगे होटलों और महंगी कारों को दिखाकर लोगों को झांसे में लिया। साइबर पुलिस थाना मंडी जोन में अब कुल 28 मामले रिपोर्ट हुए हैं। इनमें करीब 13 करोड़ ठगी के आरोप लगाए गए हैं। निवेश करने वालों में कुछ सरकारी कर्मचारी, कुछ बड़े अधिकारी, कुछ समाज के प्रतिष्ठित लोग समेत अन्य लोग बताए जा रहे हैं। क्रिप्टो करेंसी से मिलने वाली आय का 30 प्रतिशत टैक्स के रूप में देने के बाद इसे मान्यता मिलने पर लोगों का रुझान इस तरफ बढ़ा, लेकिन बिना वेरिफिकेशन और जानकारी के अभाव में वह सही जगह के बजाए शातिरों को ही अपनी जीवनभर की पूंजी जमा करवाते रहे।
साइबर पुलिस थाना में मिल रही शिकायतों को लेकर पूछताछ के लिए दो आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट में मंडी लाया जाएगा। आरोपियों से पूछताछ के बाद ही मंडी जोन में की गई ठगी राशि के बारे में सही आंकड़ा सामने आएगा। कई मामलों में यह भी सामने आ रहा है कि शातिरों ने एमएलएम के तहत खंड से जिला स्तर पर लोगों को जिम्मेवारी दी थी। कई पीड़ितों को मुख्य आरोपियों के साथ सीधा कोई लिंक नहीं था। कई पीड़ित एमएलएम के तहत ही आगे लोगों से जुड़े हुए थे और अपने जमापूंजी का निवेश कर रहे थे, लेकिन बाद में हाथ कुछ न लगने पर ठगी का शिकार हो गए।
गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी पहले से ही एमएलएम से जुड़े रहे हैं। क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी का खेल 2018-19 में शुरू हुआ। 11 महीने में डबल कमाई के चक्कर में लोगों ने इस पर भारी निवेश किया।
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