इंडिया न्यूज, पालमपुर (Palampur-Himachal Pradesh)
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)-हिमालय जैव संसाधन प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी) पालमपुर (CSIR-IHBT) ने राज्य कृषि विभाग (State Agriculture Department) और सीएसआईआर-एकीकृत कौशल पहल कार्यक्रम (CSIR-Integrated Skills Initiative Program) के सहयोग से ’’हिमाचल प्रदेश के कृषि अधिकारियों, कारीगरों एवं किसानों हेतु बांस पर दक्षता विन्यास’’ (Skill configuration on bamboo for agriculture officers, artisans and farmers of Himachal Pradesh) कार्यक्रम पर दो-दिवसीय, तीन कार्यशालआयो (workshops) का आयोजन किया। इन कार्यशालाओं में हिमाचल प्रदेश के नौ जिलों जिनमें कांगड़ा (kangra), हमीरपुर (hamirpur), शिमल (shimla), बिलासपुर (bilaspur), सोलन (solan), ऊना (una), सिरमौर (sirmour), चंबा (chamba)और मंडी (mandi), के कृषि अधिकारियों (agriculture officers), कारीगरों (artisans)और किसानों (farmers) सहित 145 से अधिक प्रशिक्षुओं (trainees) ने भाग लिया।
कार्यशाला को प्रशिक्षुओं को बांस की खेती (bamboo cultivation) और मूल्य वर्धित उत्पाद निर्माण (Value Added Product Manufacturing) के विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए डिजाइन (design) किया गया
इन कार्यकर्मों के दौरान प्रशिक्षुओं को बांस की खेती और मूल्य वर्धित उत्पाद निर्माण के विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए डिजाइन किया गया था। विशेषज्ञों के व्याख्यान के अलावा, प्रतिभागियों ने खेत की तैयारी, खेती के तरीकों, लकड़ी का कोयला तैयार करने,अगरबत्ती बनाने, फाइबर निष्कर्षण (fiber extraction), खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing), ऊतक संवर्धन (tissue culture) और कीट प्रबंधन (pest management) के लिए व्यावहारिक प्रदर्शन और व्यावहारिक प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया था।
प्रशिक्षुओं ने मूल्यवर्धित बांस की वस्तुओं और उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए संस्थान में स्थापित अत्याधुनिक बांस संग्रहालय का भी दौरा किया।
डॉ0 संजय कुमार, निदेशक सीएसआईआर-आईएचबीटी (Dr. Sanjay Kumar, Director CSIR-IHBT) ने भी प्रतिभागियों के साथ बातचीत की और उन्हें अपनी आय बढ़ाने के लिए बांस की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने बताया कि सीएसआईआर-आईएचबीटी (CSIR-IHBT) हिमाचल प्रदेश सरकार के कृषि विभाग (agriculture department) से वित्तीय सहायता (financial assistance) के साथ ’’पुनर्गठित राष्ट्रीय बांस मिशन’’ (Reconstituted National Bamboo Mission) के तहत बांस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। खेती के अलावा, डॉ0 कुमार ने विविध बांस उत्पादों के निर्माण के माध्यम से बांस के मूल्यवर्धन के लिए कृषि कर्मचारियों और किसानों के कौशल उन्नयन पर जोर दिया।
न्होंने क्षेत्र में बांस के विकास के लिए संस्थान द्वारा निरंतर समर्थन का भी आश्वासन दिया। इस कार्यशाला के दौरान, सीएसआईआर-आईएचबीटी संकाय डॉ0 विपिन हल्लन, डॉ0 गिरीश नड्डा, डॉ0 महेश गुप्ता, डॉ0 रोहित जोशी, इंजीनियर मोहित शर्मा, डॉ0 जेरेमी डाखर, डॉ0 रॉबिन जोशी, डॉ0 किरण देवी, डॉ0 रिम्पी धीमान और अजय कुमार ने व्याख्यान दिया और प्रतिभागियों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया।