इंडिया न्यूज, शिमला :
Development Plan of Shimla : प्रदेश की राजधानी शिमला का डेवेलपमेंट प्लान आखिर तैयार हो ही गया। 4 दशक बाद शिमला का यह डेवेलपमेंट प्लान तैयार हुआ है।
डेवेलपमेंट प्लान तैयार होने के बाद शिमला शहर में नियोजित विकास होगा। टीसीपी विभाग द्वारा अम्रुत मिशन के तहत जीआईएस मैपिंग के आधार पर डेवेलपमेंट प्लान तैयार किया गया है।
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने डेवेलपमेंट प्लान का शिमला में अनावरण किया। डेवेलपमेंट प्लान को अंतिम रूप देकर लागू करने से पहले नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ने आमजन से सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं।
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शिमला के डेवेलपमेंट प्लान के ड्राफ्ट का अनावरण किया। डेवेलपमेंट प्लान के अधिसूचित होने के 30 दिनों के अंदर लोगों को डेवेलपमेंट प्लान को लेकर अपने सुझाव और आपत्तियां लिखित में दर्ज करवानी होंगी।
शहरी विकास मंत्री ने कहा कि लोगों से मिले सुझावों और आपत्तियों पर ड्राफ्ट डेवेलपमेंट प्लान में जरूरी बदलाव होंगे और प्लान को अंतिम रूप में सरकार द्वारा अधिसूचना करने से पूर्व विधि विभाग की राय लेगी।
फाइनल प्लान का प्रस्ताव मंजूरी के लिए कैबिनेट में पेश किया जाएगा। समूची प्रक्रिया को पूरा होने में करीब 3 माह लगेंगे।
शिमला के डेवेलपमेंट प्लान के ड्राफ्ट के अनावरण कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री ने कहा कि शिमला सिटी डेवेलपमेंट प्लान को ड्राफ्ट प्लान के सभी स्टेक होल्डर्स, जन प्रतिनिधियों, विधायकों, एमसी शिमला के पार्षदों, साडा प्रतिनिधिनियों और संबंधित विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद तैयार किया गया है जिसको लेकर कई कार्यशालाओं का आयोजन किया गया।
टीसीपी विभाग द्वारा तैयार किए गए डेवेलपमेंट प्लान में शहर की सभी श्रेणियों व जोन के आधार पर भू-क्षेत्र को ध्यान में रखा गया है ताकि शहरवासियों को राहत मिल सके।
इस दौरान टीसीपी के निदेशक कमलकांत सरोच, उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी, आयुक्त एमसी आशिष कोहली, पार्षद व विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
सिटी डेवेलपमेंट प्लान में ग्रीन बेल्ट को लेकर विशेष राहत दी गई है। दरअसल ग्रीन बेल्ट में कुछ खाली प्लाट ऐसे हैं जिनके आस-पास निर्माण हो चुका है लेकिन वे लोग पाबंदी के चलते अपनी रिहायशी जरूरत के लिए भी निर्माण नहीं कर पा रहे हैं।
इसके लिए शिमला डेवेलपमेंट प्लान के ड्राफ्ट में केवल फ्लोर और एटिक बनाने की मंजूरी दी जाएगी। यह मंजूरी रिहायशी इस्तेमाल के निर्माण के लिए होगी।
ऐसे रिहायशी निर्माण का एफएआर सामान्य 1.75 की बजाय बहुत कम यानी की 100 रखा गया है। ऐसे प्रस्तावित निर्माण के समय कोई भी पेड़ काटने की अनुमति नहीं होगी।
ड्राफ्ट डेवेलपमेंट प्लान में शिमला के कोर एरिया में रिहायशी निर्माण के लिए 150 वर्ग मीटर से बड़े प्लाट के लिए 2 फ्लोर, पार्किंग और एटिक के निर्माण का प्रस्ताव है, जबकि व्यावसायिक उपयोग के लिए भी 2 फ्लोर, पार्किंग और एटिक के साथ बनाया जाना प्रस्तावित है।
ड्राफ्ट डेवेलपमेंट प्लान में नोन कोर एरिया में निर्माण को लेकर भी लोगों को राहत पहुंचाने का प्रावधान किया गया है। मौजूदा समय में नोन कोर एरिया में नगर निगम ढाई मंजिल की ही अनुमति दे रहा है।
ड्राफ्ट डेवेलपमेंट प्लान में लोग 4 मंजिलें तक बना सकेंगे। नए प्लान के तहत नोन कोर एरिया में 150 वर्ग मीटर से बड़े सभी प्लाट में 3 फ्लोर, पार्किंग और एटिक रिहायशी इस्तेमाल के लिए बनाए जा सकेंगे।
व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए 250 वर्ग मीटर के बड़े प्लाट पर 4 फ्लोर, पार्किंग और एटिक निर्माण प्रस्तावित है। Development Plan of Shimla
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