पारम्परिक मेलों के कारण प्रदेश की अपनी विशिष्ट पहचान-डॉ0 रामलाल मारकंड़ा
- हर व्यक्ति के समग्र विकास के लिए पूरे सर्मपण से कर रहे कार्य
इंडिया न्यूज, केलंग (Keylong-Himachal Pradesh)
वर्ष भर लगने वाले पारम्परिक मेलों (traditional fairs) के कारण हिमाचल अपनी विशिष्ट (special idenity) पहचान बनाए हुए है। मेले और उत्सवों (Fairs and Festivals) के आयोजन से हमारी संस्कृति (culture) को संजोने और सहेजने को बल मिलता है, साथ ही साथ नई पीढ़ी को हमारी समृद्ध संस्कृति एवं परम्पराओं का भी ज्ञान (Knowledge of rich culture and traditions) होता है। ये शब्द तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ0 रामलाल मारकण्डा (Technical Education Minister Dr. Ramlal Markanda) ने शनिवार को उदयपुर मंडल के त्रिलोकनाथ में तीन दिवसीय राज्यस्तरीय पोरी मेले (three day state level pori fair) के दूसरे दिन आयोजित कार्यक्रम में कहे।
मेलों में खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन से लोगों के मनोरंजन के साथ-साथ ग्रामीण प्रतिभागियों को अपनी प्रतिभा दिखाने एवं उभारने के लिए मंच भी मिलता
उन्होने कहा कि मेलों में खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन से लोगों के मनोरंजन के साथ-साथ ग्रामीण प्रतिभागियों को अपनी प्रतिभा दिखाने एवं उभारने के लिए मंच भी मिलता है। मेले के दौरान विभिन्न जिलों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है जिसमें प्रदेश की संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है।
भगवान त्रिलोकनाथ जी की पालकी को घोड़े पर सजाकर लाया
इस अवसर पर भगवान त्रिलोकनाथ की छड़ी यात्रा सप्तधारा से आरम्भ होकर त्रिलोकनाथ मैदान तक निकाली गयी जिसमें भगवान त्रिलोकनाथ जी की पालकी को घोड़े पर सजाकर लाया गया। वहीं स्थानीय जागीरदार ठाकुर सुरेन्द्र भगवान त्रिलोकनाथ जी की पालकी के साथ साथ मैदान पंहुचे, जिसे देखने के लिये लोगो की भीड़ उमड़ी, इस दौरान तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ0 रामलाल मार्कण्डेय विशेष रूप से उपस्थित थे।
लाहौल स्पिति विधानसभा क्षेत्र में हर व्यक्ति के समग्र विकास के लिए पूरे सर्मपण से कार्य
उन्होने कहा कि वे लाहौल स्पिति विधानसभा क्षेत्र में हर व्यक्ति के समग्र विकास के लिए पूरे सर्मपण से कार्य कर रहे है। यहां महिलाओं के उत्थान की योजनाओं को प्रभावी तरीके से आगे बढ़ाने के साथ साथ समाज के गरीब, कमजोर और लाभवंचित वर्गों के कल्याण के लिए सभी संभव कदम उठाए गए हैं।
उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार ने हिमकेयर, सहारा योजना, गृहिणी सुविधा योजना, मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना, शगुन योजना जैसी अनेक योजनाओं ने हर जरूरतमंद परिवार की सहायता की है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वृद्धि की गई है और बिना आय मानदंड के वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त करने की आयु सीमा को पहले 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष किया गया और अब इसे 60 वर्ष कर दिया गया है।
उदयपुर और त्रिलोकनाथ में सुनी समस्याएं
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने उदयपुर और त्रिलोकनाथ में लोगों की समस्याएं सुनी स अधिकतर का मौके पर ही निपटारा कर दिया और शेष समस्याओं के समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।
ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर मेला कमेटी के अध्यक्ष एवं एसडीएम उदयपुर निशांत तोमर, टीएसी सदस्य शमशेर सिंह, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग बीसी नेगी, मंडल अध्यक्ष प्रेम दासी, प्रधान ग्राम पंचायत त्रिलोकनाथ दिनेश, बीडीसी राकेश, जिला परिषद सदस्य मोहिंदर सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी, विभिन्न महिला मंडलों, युवक मंड़लों सहित बड़ी संख्या में विभिन्न पंचायतों तथा स्थानीय लोग उपस्थित थे।