इंडिया न्यूज, धर्मशाला।
एनईपी के तहत समाजशास्त्र विषय के पाठ्यक्रम पर विशेषज्ञों ने रखे विचार|
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (Central University of HP), विद्या भारती उच्च शिक्षण संस्थान ( Vidhya Bharti Higher Education) एवं शोध (SHoDH) के संयुक्त तत्वावधान में धौलाधार परिसर, धर्मशाला (Dharamshala) में आयोजित समाजशास्त्र कार्यशाला में समाजशास्त्र के पठन-पाठन एवं पाठ्यक्रम से संबंधित सभी पक्षों की तार्किक एवं विस्तृत चर्चा देखने के लिए मिली।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) के तहत समाजशास्त्र के अध्ययन हेतु जो सिलेबस बनाया जाना है, उसके बारे में चर्चा की गई। इसमें देशभर के सभी प्रमुख विश्वविद्यालयों (Universities) से आए हुए समाजशास्त्र के विशेषज्ञों ने समाजशास्त्र के अध्ययन की गुणवत्ता एवं विकास के लिए अपने सुझाव प्रस्तुत किए।
देशभर के सभी प्रमुख विश्वविद्यालयों (Universities) से आए हुए समाजशास्त्र के विशेषज्ञों ने समाजशास्त्र के अध्ययन की गुणवत्ता एवं विकास के लिए अपने सुझाव प्रस्तुत किए।
दो-दिवसीय कार्यशाला ( Two Day Workshop) में विस्तृत चर्चा के उपरांत ये प्रस्ताव पारित किया गया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (National Education Policy-2020) का क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण घटक स्कूली शिक्षा (School Education) है। स्कूली शिक्षा (School Education) के स्तर पर भारतीय ज्ञान परम्परा (Indian knowledge system), सामाजिक चिन्तन तथा इसके उत्थान हेतु पाठ्यक्रमों की संरचना की जाना अनिवार्य है जिससे स्कूली विद्यार्थियों में देश, समाज के प्रति संवेदना, सहानुभूति व सहयोग की भावना जागृत हो सके।
इस कार्यशाला के संयोजक विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, अकादमिक प्रो0 प्रदीप कुमार (Prof Pardeep Kumar) के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) के तहत समाजशास्त्र के अध्ययन हेतु जो सिलेबस बनाया जाना है, उसके बारे में चर्चा की गई। इसमें समूहों का गठन किया गया। समूह पाठ्यपुस्तक बनाए जाने के लिए तथ्य एकत्रित करेंगे। सभी विषयों को लेकर इस तरह की बैठकों का आयोजन किया जा रहा है।
वहीं इस अवसर पर कुलाधिपति प्रो0 हरमहेन्द्र सिंह बेदी (Chancellor Prof Harmender Singh Bedi) ने कहा कि 185 सालों के बाद भारत केंद्रित इस तरह की कोई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) आई है। एशिया (Asia) के विभिन्न देश भारत (India) की इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) की चर्चा कर रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें स्थानीय भाषाओं (Local Langugage) को महत्व दिया गया है। शिक्षा में भाषा बाधा न बने इसका इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) में खास ख्याल रखा गया है। वहीं इस मौके पर विवि के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ( Chancellor of CUHP Prof Sat Parkash Bansal) ने कहा कि केंद्रीय विवि (Central University of HP) में 60 प्रतिशत तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) लागू हो चुकी है और अभी प्रयास जारी हैं कि एनईपी (National Education Policy) के तहत जो विषय हैं उन्हें पढ़ाया जाए।
इस दौरान देसराज शर्मा (Desh Raj Sharma), डा0 अलोक पांडे Dr Alok Pandey), प्रो0 बीबी मोहंती (Prof B B Mohanty),प्रो0 प्रदीप कुमार (Prof Pardeep Kumar), प्रो0 बद्री नारायण ( Prof Badri Naryana), प्रो0 आर राजेश (Prof R Rajesh, प्रो0 सुभद्रा चन्ना (Prof Subhdra Channa), प्रो0 अम्बरीश कुमार महाजन (Prof Ambrish Mahajan), डॉ0 सुमन शर्मा (Dr. Suman Sharma), डॉ0 सुनील ठाकुर (Dr Sunil Thakur) और सभी संकायों/विभागों (Departments)/केन्द्रों के सभी अधिष्ठाता (Dean of all Centers) /विभागाध्यक्ष (Head of Department)/निदेशक (Director) मौजूद रहे। कार्यशाला (Workshop) का धन्यवाद ज्ञापन प्रो. विशाल सूद (Prof Vishal Sood), कुलसचिव द्वारा दिया गया। एनईपी के तहत समाजशास्त्र विषय के पाठ्यक्रम पर विशेषज्ञों ने रखे विचार