इंडिया न्यूज़, मंडी
शिमला (Shimla) में मंत्री स्तरीय कमेटी की बैठक हुई जिसमे फोरलेन प्रभावितों को चार गुना मुआवजा (compensation) देने को सहमति नहीं मिल पाई । चार मई को इस बैठक का आयोजन शिमला में हुआ था। फोरलेन प्रभावितों को चार गुना मुआवजा देने की बात प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार (central government) को कही, इसका जिसका भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच ने काफी विरोध किया है। मंच अध्यक्ष बेली राम कौंडल (Baili Ram Kaundal) ने कहा की प्रदेश सरकार मुआवजा देना नहीं चाहती है।
इसलिए सरकार टालमटोल कर रही है। उन्होंने कहा की पिछले चार सालों से फोरलेन (forelane) संघर्ष समिति व भूमि अधिग्रहण मंच आवाज उठा रहा है। सरकार हमेसा कहती है की वो किसानो के बारे में काफी चिंतित रहती है। लेकिन कमेटी के सदस्य खुद इस समस्या को सुलझाने में असमर्थ हैं।
आपको बता दे की चार साल पहले अक्तूबर, 2018 में मंत्रिमंडल के सदस्य गोविंद ठाकुर द्वारा कमेटी बनाने का कार्य किया गया था। इस कमेटी में फोरलेन प्रभावितों की मांगों व् समस्याओं को लेकर फैंसला लेना था। लेकिन आपको बता दे की कमेटी आज तक कोई निर्णय नहीं ले पाई है।
उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि चार साल के उपरांत 2022 को मंडी में नई कमेटी का गठंन हुआ है। इसके अध्यक्ष मोहिंद्र ठाकुर व अन्य सदस्य राकेश पठानिया की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में किसानो के हक़ में फैंसला लेकर सरकार से स्वीकृति हेतु निर्णय लेने का एलान किया गया।
लेकिन बड़े दुख की बात है है की पांच मई को तीन सदस्य मंत्रिमंडल कमेटी की बैठक में किसानो के मुआवजे की बात नहीं बन पाई। अब पार्टी बहाना ढूढ़ रही है की चार गुना मुवजे के लिए केंद्रीय मंत्री गडकरी को पूछना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में मन की बात में कहा कि प्रभावित किसानों को चार गुना मुआवजा दिया जाएगा। लेकिन इसको हिमाचल सरकार पूरी तरह से नजरअंदाज कर रही है। मंच के सयोजक ने जय राम ठाकुर से सवाल किया की मुफ्त सुविधा देने की घोषणा के लिए क्या केंद्र सरकार से पूछा गया था।
भूमि अधिग्रहण प्रभावितों के साथ सरेआम धोखा कर रहे हैं। किसानो ने भी मन बना लिया है, की अगर चार गुना मुआवजा, पुनर्वास व पुनस्र्थापना को हिमाचल में लागू नहीं किया गया तो सरकार के खिलाफ रैली निकली जाएगी।