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International Mother Language Day मातृभाषा में ही भावनाएं-विचार सही ढंग से हो सकते हैं प्रस्तुत

• LAST UPDATED : March 3, 2022

International Mother Language Day मातृभाषा में ही भावनाएं-विचार सही ढंग से हो सकते हैं प्रस्तुत

  • हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के पंजाबी एवं डोगरी विभाग की ओर से व्याख्यान आयोजित
  • गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के सह-आचार्य डा. मनजिंदर रहे मुख्य वक्ता

इंडिया न्यूज, धर्मशाला :

International Mother Language Day : हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के पंजाबी एवं डोगरी विभाग की ओर से अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के मौके पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।

पंजाब साहित्य अकादमी, चंडीगढ़ के सहयोग से आयोजित इस व्याख्यान में मुख्य वक्ता पंजाबी अध्ययन स्कूल गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के सह-आचार्य डा. मनजिंदर सिंह रहे, वहीं पंजाब साहित्य अकादमी चंडीगढ़ की अध्यक्ष डा. सर्वजीत कौर ने विशेष अतिथि के रूप में व्याख्यान में अपने विचार रखे।

वहीं व्याख्यान की अध्यक्षता अधिष्ठाता भाषा स्कूल डा. बृहस्पति मिश्र ने की। इस कार्यक्रम की शुरूआत वेद मंत्र के उच्चारण के साथ की गई।

इस पश्चात पंजाबी एवं डोगरी विभाग के सहायक आचार्य डा. नरेश कुमार ने सभी अतिथियों का परिचय और स्वागत किया। इस मौके पर मुख्य वक्ता डा. मनजिंदर सिंह ने मातृभाषा दिवस पर मातृभाषा का उच्च शिक्षा में महत्व पर अपने विचार रखे।

उन्होंने अपने व्याख्यान में कहा कि जिन भी लोगों को अभी तक शोध के क्षेत्र में और साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिले हैं, उन्होंने उन्हें अपनी मातृभाषा में ही लिखा है।

हम अपनी मातृभाषा में ही अपने विचार, अपनी भावनाएं और अपने ज्ञान को अच्छे ढंग से प्रस्तुत कर सकते हैं। वहीं, बतौर विशेष अतिथि पंजाब साहित्य अकादमी चंडीगढ़ की अध्यक्ष डा. सर्वजीत कौर ने कहा कि मातृभाषा में ही शिक्षा होनी चाहिए।

उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में पंजाबी और डोगरी विभाग के साथ मिलकर बड़ा कार्यक्रम करवाया जाएगा। वहीं, अध्यक्ष अधिष्ठाता, भाषा स्कूल डा. बृहस्पति मिश्र ने व्याख्यान में अपने विचार रखने पर सभी का धन्यवाद किया और मातृभाषा के महत्व पर अपने विचार रखे।

इस कार्यक्रम के समन्वयक डा. हरजिंदर सिंह ने सभी का धन्यवाद किया और कहा कि डा. मनजिंदर सिंह ने जैसे उच्च शिक्षा में मातृभाषा के महत्व पर अपने विचार प्रकट किए हैं, हमारे शोधार्थियों की जिंदगी में जरूर काम आएंगे।

इस कार्यक्रम को गूगल मीट के माध्यम से करवाया गया जिसमें पंजाब, दिल्ली एवं हरियाणा के शोधार्थी और चिंतक जुड़े। International Mother Language Day

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