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देश में सबसे पहले वेस्ट अंडर अरेस्ट (वेस्ट मैनेजमेंट मॉडल) लाला लाजपत राय जिला सुधार गृह, धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश में शुरू हुआ।

• LAST UPDATED : November 25, 2022

देश में सबसे पहले वेस्ट अंडर अरेस्ट (वेस्ट मैनेजमेंट मॉडल) लाला लाजपत राय जिला सुधार गृह, धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश में शुरू हुआ।

इंडिया न्यूज, धर्मशाला (Dharamshala-Himachal Pradesh)

वेस्ट वॉरियर्स ने देश के पहले अपशिष्ट प्रबंधन मॉडल की शुरूआत जो की एक मॉडल जेल में होगा को धर्मशाला स्थित लाला लाजपत राय सुधार गृह, में की।

इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रदेश कारागार की एडीजीपी सतवंत अटवाल और कारागार एवं सुधार गृह के उपाधीक्षक विकास भटनागर की उपस्थिति में हुआ।

इस योजना का मुख्य लक्ष्य कारागार के बंदियों व कर्मचारियों को अपशिष्ट प्रबन्धन व निष्पादन के बारे में शिक्षित व जागरूक करना है और अपशिष्ट को अपसाइक्लिंग कर आय के साधन के रूप में विकसित करना है।

जिसके लिए कारागार विभाग वेस्ट वॉरियर्स गैर-सरकारी संस्था के साथ मिलकर ये कार्यक्रम शुरू कर रहा है।

वेस्ट वॉरियर्स ने मॉडल जेल कार्यक्रम के साथ-साथ उद्यमी कार्यक्रम भी शुरू किया।

जहां जेल के अंदर उत्पन्न होने वाले सभी कचरे को खाद या अप-साइक्लिंग उत्पादों में परिवर्तित किया जाएगा, और सभी आय हिमकारा की ओर जाएगी, जो एक विभागीय सामाजिक उद्यम है जो फर्नीचर और बेकरी उत्पाद बनाता है और एक रेस्तरां चलाता है।

गौरबतलव है कि वेस्ट वॉरियर्स का गठन पूरे भारत में पहुंचने के सपने के साथ, सितंबर 2012 में किया गया था और हिमालयी परिदृश्य में कचरे के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए यहां है।

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में आठ अन्य स्थानों पर विभिन्न रणनीतिक और रचनात्मक हस्तक्षेपों के माध्यम से, वेस्ट वॉरियर्स ने खुद को हिमालय में समुदाय के नेतृत्व वाले ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में अग्रणी के रूप में स्थापित किया है।

कार्यक्रम अपशिष्ट प्रबंधन प्रशिक्षण के माध्यम से कैदियों के बीच जागरूकता का समर्थन और प्रसार भी करता है और कैदियों को अपशिष्ट क्षेत्र में और अधिक खोज करने के लिए सशक्त बनाता है, जो भविष्य में आजीविका का अवसर बन सकता है।

यह अनूठा और आवश्यक मॉडल दूसरों को प्रेरित करेगा और पूरे देश में कार्यान्वयन के लिए एक मॉडल बन सकता है।

सतवंत अटवाल, एडीजीपी कारागार एवम सुधारात्मक सेवायें, शिमला, हिमाचल प्रदेश ने ये भी आश्वासन दिया है कि ये पहल जल्द ही एक बड़ा रूप लेगी तथा इसे हिमाचल प्रदेश की अन्य सभी जेलों में भी शुरू किया जायेगा।

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