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Forgery अवैध स्पिरिट की सप्लाई करने वालों पर कार्रवाई

• LAST UPDATED : February 4, 2022

Forgery अवैध स्पिरिट की सप्लाई करने वालों पर कार्रवाई

  • हैंड सेनिटाइजर सप्लाई करने की आड़ में की जा रही थी स्पिरिट की आपूर्ति

इंडिया न्यूज, शिमला :

Forgery : राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने अवैध स्पिरिट की सप्लाई करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है। विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए एक भंडाफोड़ किया है। विभाग के मुताबिक 2 कंपनियों द्वारा हैंड सेनिटाइजर सप्लाई करने की आड़ में स्पिरिट की आपूर्ति की जा रही थी।

विभाग के आयुक्त यूनुस ने शुक्रवार को बताया कि जिला मंडी स्थित गोवर्धन बोटलिंग प्लांट में निरीक्षण के दौरान पाई गई अनियमितताओं की कड़ियों को जोड़ते हुए और ओनलाइन डाटा द्वारा ई-वे बिलों की जांच करते हुए विभाग ने जिला सिरमौर के काला अंब स्थित एक औद्योगिक परिसर, डच फोरमुलेशन में विभाग के संयुक्त आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी उज्ज्वल राणा के नेतृत्व में टीम ने निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान पाया गया कि परिसर में किसी भी प्रकार का कोई उत्पाद तैयार नहीं किया जा रहा था। उक्त इकाई के पास ड्रग अथारिटी द्वारा कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया है।

इस यूनिट ने वर्ष 2020-21 में 8.06 करोड़ रुपए की परचेज ई-वे बिलों में की है और लगभग 4.77 करोड़ रुपए की बिक्री दिखाई है। दोनों में कुल अंतर 3.39 करोड़ रुपए बनता है जिसका कोई भी स्टाक परिसर में नहीं पाया गया।

आयुक्त ने बताया कि इस कंपनी की एक अन्य फर्म डेनिश लैब अंबाला में है। इस फर्म के भी ई-वे बिल चेक किए गए। इस दौरान पाया गया कि इस फर्म ने सीएमओ धर्मशाला को हैंड सेनिटाइजर के 4 खेप नवंबर व दिसंबर, 2021 में भेजे हैं।

इसी तरह इसी फर्म ने हैंड सेनिटाइजर के 3 खेप राजीव गांधी आयुष मेडिकल कालेज पपरोला को भेजे हैं। इन सभी की कीमत 51 लाख रुपए है।

इसके अतिरिक्त मैसर्स डच फोरमुलेशन काला अंब ने भी हैंड सेनिटाइजर की एक खेप पपरोला कालेज को भेजी है। इसकी कीमत 7.50 लाख रुपए है।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि उक्त फर्मों को समय दिए जाने के बावजूद भी किसी तरह की डिटेल विभाग को उपलब्ध नहीं करवाई है। विभाग ने यह सारा डाटा ई-वे बिल सिस्टम से निकाला है।

जब इसकी दोनों विभागों से जांच पड़ताल करवाई तो उन्होंने लिखित में सूचित किया कि उन्होंने ऐसी कोई भी सप्लाई नहीं मंगवाई है और न ही प्राप्त की है।

कुल अवैध सप्लाई 58.50 लाख रुपए की है जिससे लगभग 1 लाख बल्क लीटर स्पिरिट खरीदी जा सकती है और लगभग 37 से 40 हजार पेटी शराब का उत्पादन किया जा सकता है।

इससे ऐसा प्रतीत होता है कि उक्त फर्मों द्वारा हैंड सेनिटाइजर सप्लाई करने की आड़ में स्पिरिट की आपूर्ति की जा रही थी। इस संबंध में विभाग द्वारा उक्त फर्म के खिलाफ आगामी कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज करवाई जा रही है। Forgery

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