होम / बलिदानों से जीवित रहती हैं पीढ़ियां – राजनाथ

बलिदानों से जीवित रहती हैं पीढ़ियां – राजनाथ

• LAST UPDATED : September 26, 2022

बलिदानों से जीवित रहती हैं पीढ़ियां – राजनाथ

  • पहले देश में कबूतर उडाए जाते थे, पर अब देश के प्रधानमंत्री चीते छोड़ते हैं
  • देश की प्रगति में हर देशवासी दे योगदान – जोशी

इंडिया न्यूज, धर्मशाला (Dharamshala-Himachal Pradesh)

बलिदानों के बलिदान से पीढ़ियां जीवित रहती हैं। ये शब्द रक्षा मंत्री भारत सरकार राजनाथ सिंह ने सैन्य बलिदानी परिवार सम्मान समारोह को नादौन में ब्यास नदी तट पर सोमवार को संबोधित करते हुए कहे।

उन्होने कहा कि गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना की घुसपैठ का करारा प्रतिउत्तर दिया। उन्होंने कहा कि पहले देश में आतंकी हमलों की खबरें आती थी, लेकिन देश में मोदी सरकार आने के बाद पुलवामा व ऊरी हमलों के बाद पाकिस्तान की जमीन पर सर्जिकल स्ट्राइक कर मुंहतोड जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पहले देश में कबूतर उडाए जाते थे, पर अब देश के प्रधानमंत्री चीते छोड़ते हैं।

हिमाचल प्रदेश देव व वीर भूमि है जिसकी शौर्य, पराक्रम व बलिदान की समृद्ध परम्परा रही है-राजनाथ सिंह

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देव व वीर भूमि है जिसकी शौर्य, पराक्रम व बलिदान की समृद्ध परम्परा रही है। उन्होंने हिप्र से प्रथम परमवीर चक्र विजतेा मेजर सोमनाथ शर्मा, महावीर चक्र विजेता शेर सिंह थापा, धनसिंह थापा, संजय कुमार व कारगिल युद्ध में बलिदान देने वाले विक्रम बत्तरा का जिक्र करते हुए कहा कि भारत के हर युद्ध में हिमाचलियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा कि सेनाओं का त्याग और बलिदान ही देश की सीमाओं को सुरक्षित रखता है। पहले भारत के सीमावर्त्ती क्षेत्रों में आधारभूत ढ़ांचे के विकास को प्राथमिकता नहीं दी जाती थी पर मोदी सरकार में इसे पूरी प्राथमिकता पर रखा है। सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछाने व मोबाइल नेटवर्क को विकसित किया जा सहर ह। हिप्र के सीमावर्ती जिलों किन्नौर व लाहौल स्पीति में हर घर में जल और नल पहुंचा दिया गया हैं।

भारत पहले रक्षा सामान आयात करता था अब निर्यात बन चुका है

उन्होंने कहा कि पहले भारत रक्षा आयात करने के रूप में जाना जाता था लेकिन अब भारत रक्षा निर्यातक बन चुका है वर्ष 2047 तक भारत 2 लाख करोड़ का रक्षा निर्यात करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सिंह ने बताया कि रक्षा क्षेत्र में 311 आइटम को चिंहित किया गया है जिनका आने वाले सालों में मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि सेना के दरवाजे पूरी तरह से महिलाओं के लिए खोल दिए गए हैं। एनडीए समेत युद्धपोतों पर महिला सैनिकों की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी गई है।

भारतीय सेना ने अभी तक हुए सभी युद्धों में विजय पाई है- सुरेश भैया जोशी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य सुरेश भैया जोशी ने संबोधन में कहा कि भारतीय सेना ने अभी तक हुए सभी युद्धों में विजय पाई है। भारतीय सेना पराक्रम में कभी पीछे नहीं रही है। इसके बावजूद भारत ने कभी भी अपनी शक्ति का दुरुपयोग नहीं किया इसका उपयोग दुर्बलों की रक्षा और अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए किया।

उन्होंने कहा कि भारत की जीवनशैली श्रेष्ठ है जोकि पूरे विश्व के लिए अनुकरणीय है। हिमाचल प्रदेश को देवभूमि करार देते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक देशवासी को भारत के लिए जीना है और इसकी प्रगति में सबको योगदान देना है। उन्होंने कहा कि केवल युद्ध में ही समाधान नहीं है, वार्ता के माध्यम से भी समस्याओं का समाधान संभव है।

इस अवसर पर 600 बलिदानी व पूर्व सैनिक परिवारों को स्मृति चिन्ह व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।

परम विशिष्ठ सेवा मेडल से सम्मानित लेफटिनेंट जरनल कुलदीप जम्वाल, पीवीएसएम लेफ्टिनेंट जनरल बलजीत सिंह जसवाल, लेफ्टिनेंट जनरल विनोद शर्मा, मेजर जनरल मोहिंदर प्रताप, मेजर जनरल सुदेश शर्मा, मेजर जनरल अतुल कौशिक, ब्रिगेडियर सतीश कुमार, वीएसएम ब्रिगेडियर अजय कुमार शर्मा, ब्रिगेडियर मदन शील शर्मा, ब्रिगेडियर बेअंत परमार, ब्रिगेडियर खुशाल शर्मा, ब्रिगेडियर जगदीश सिंह वर्मा, ब्रिगेडियर पवन चैधरी, ब्रिगेडियर लरल चंद जसवाल, पूर्व डीजीपी हिप्र आईडी भंडारी, कर्नल रूप चंद, कर्नल दर्शन मनकोटिया, कैप्टन रमेश चंद सहित हजारों का जनसमूह उपस्थित रहा।

इस आयोजन पर एक मिसाल पेश करते हुए बलिदानी परिवारों, पूर्व सैनिकों को एक लाख चंदन, नीम व पीपल के पौधे वितरित किए गए। कार्यक्रम में प्रदर्शनियां भी आयोजित की गई जिसमें से एक प्रदर्शनी हिप्र से संबंधित वीर सैनिकों का जीवनवृत्त की झलक दिखाई वहीं दूसरी प्रदर्शनी में हिप्र के स्वतंत्रता सेनानियों का जीवन वृत्त पेश किया।

SHARE

Tags:

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox