कांगड़ा मे एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान 12 सितंबर

कांगड़ा मे एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान 12 सितंबर

  • कांगडा़ जिला में टीबी मामलों कीे अधिसूचिता 100 प्रतिशत
  • जिला क्षय रोग निवारण समिति की बैठक का हुआ आयोजन अतिरिक्त उपायुक्त कांगड़ा गंधर्वा राठौर की अध्यक्षता मे हुआ।

इंडिया न्यूज, धर्मशाला (Dharamshala-Himachal Pradesh)

जिला क्षय रोग निवारण समिति (District TB Elimination Board) की बैठक का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा के सभागार कक्ष मे अतिरिक्त उपायुक्त कांगड़ा गंधर्वा राठौर (Additional Deputy Commissioner Kangra Gandharwa Rathore) की अध्यक्षता में हुआ।

टीबी उन्मूलन कार्यक्रम का लक्ष्य टीबी के कारण होने वाली मृत्यु दर और बीमारी को कम करना और टीबी के संक्रमण के फैलने से रोकना-डॉ0 राजेश सूद

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ0 राजेश सूद (District Tuberculosis Officer Dr. Rajesh Sood) ने बताया की टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (TB Eradication Program) का लक्ष्य टीबी (tb)के कारण होने वाली मृत्यु दर (death rate) और बीमारी को कम करना और टीबी के संक्रमण (TB infection) के फैलने (spread) से रोकना है। टीबी उन्मूलन की जिला रणनीतिक योजना चार स्तंभों टीबी उन्मूलन की रणनीति – टीबी की खोज-इलाज, बचाव प्रणालियों का निर्माण और मजबूती शामिल है।
डॉ0 सूद ने बताया कि जिला कांगड़ा में 43 स्वास्थ्य केंद्रों पर बलगम (Mucus) की जांच मुफ्त (free) में की जाती है वह जिला कांगड़ा के अंदर बिगड़ी हुई टीबी की जांच के लिए 16 अत्याधुनिक मशीनें (state-of-the-art machines) जिला में अलग-अलग जगहों पर उपलब्ध है।

कांगड़ा मे एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान 12 सितंबर से आरंभ होगा और समापन 2 अक्टूबर को

उन्होंने बताया कि जिला कांगड़ा मे एक्टिव केस फाइंडिंग (active case finding) अभियान 12 सितंबर से आरंभ होगा और समापन 2 अक्टूबर को होगा, इस के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सारी तैयारियां कर ली गई है। इस अभियान स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा अपने क्षेत्र में घर-घर (house to house) जाकर संभावित टीबी के लक्षणों वाले व्यक्तियों (Individuals with possible TB symptoms) की पहचान की जाएगी तथा उनका बलगम जांच के लिए लैब में भेजेगी।

भारत सरकार ने टीवी अनमूलन का लक्ष्य 2025 रखा हुआ है

उन्होंने बैठक में उपस्थित अधिकारियों से अनुरोध किया की वह इस अभियान में अपना योगदान दें, ताकि इस अभियान को पूर्ण रूप से सफल बनाया जा सके। क्षय रोग अधिकारी ने सब नेशनल टीवी सर्टिफिकेशन कार्यक्रम की विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा की इस प्रक्रिया में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के आंकड़ों की समीक्षा और निजी क्षेत्र में दवा की बिक्री निजी चिकित्सकों और दवा विक्रेताओं के साथ साक्षात्कार और फोकस समूह चर्चा और सर्वेक्षण किया जाता है।
उन्होने बताया की वर्ष 2015 के बाद टीवी के रोगियों में कितनी कमी आई है इसके लिए भारत सरकार द्वारा यह सर्वे हिमाचल प्रदेश के हर एक जिला के अंदर किया जाता है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने टीवी अनमूलन का लक्ष्य 2025 रखा हुआ है उसी कड़ी में इस तरह का सर्वे हिमाचल प्रदेश के हर एक जिले में करवाया जा रहा है ताकि टीबी रोग मे आई कमी की दर को जाँचा जा सके।

यह सर्वे जिला कांगड़ा मे भारत सरकार द्वारा कुछ चयनित गांवों व शहरों में होता है। इस सर्वे के लिए जिला में टीमों का गठन किया जाता है। इन द्वारा अपने क्षेत्र में घर घर जाकर संभावित टीवी के लक्षणों वाले व्यक्तियों की पहचान कर उनके सैंपल प्रयोगशाला तक पहुंचाए जाते हैं।

नए टीबी मामलों में से 26 प्रतिशत भारत में-डॉ0 गुरदर्शन गुप्ता

इस अवसर पर कांगड़ा के सीएमओ डॉ0 गुरदर्शन गुप्ता ने कहा कि सालाना 1 करोड़ नए टीबी मामलों में से 26 प्रतिशत भारत में हैं। जिला कांगड़ा ने 2021 में 2878 टीबी मामलों को अधिसूचित किया, जो लक्ष्य का 99.9 प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022, 1035 मरीज अधिसूचित किए जोकि लक्ष्य का 100 परसेंट है उन्होंने कहा कि टीबी कार्यक्रम का प्रदर्शन की परफारमेंस इंडिकेटर्स के मानकों के आधार पर 94 प्रतिशत है, जबकि 80 प्रतिशत से ऊपर के स्कोर को बहुत अच्छा माना जाता है।

टीबी के रोगियों को सरकार द्वारा 1500 रुपए प्रतिमाह व पोषण के लिए न्यूट्री मिक्स दी जा रही

डॉ0 गुप्ता ने बताया कि की 94 प्रतिशत टीबी के रोगी वर्ष 2018 से 22 तक निक्षय पोषण योजना के तहत लाभान्वित हुए है। बिगड़ी हुई टीबी के रोगियों को सरकार द्वारा 1500 रुपए प्रतिमाह व पोषण के लिए न्यूट्री मिक्स दी जा रही है। 24 प्रतिशत टीबी रोगी तंबाकू उपयोगकर्ता हैं, जबकि 15 प्रतिशत मधुमेह रोगी हैं, अन्य 1.2 प्रतिशत एचआईवी पॉजिटिव हैं।

टीवी की बीमारी की जागरूकता के लिए एक जन जागरण अभियान चलाना चाहिए-गंधर्वा राठौर

इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त गंधर्वा राठौर ने आह्वान किया की टीवी की बीमारी की जागरूकता के लिए एक जन जागरण अभियान चलाना चाहिए, उन्होंने कहा टीबी होना शर्म की बात नहीं, टीबी के लक्षण आने पर अपनी जांच कराएं और इसका जांच और इलाज बिल्कुल मुफ्त है। उन्होंने कहा इसमें समाज की महत्वपूर्ण भूमिका है कि वह टीबी के मरीज को भरपूर सहयोग करें, ताकि वह अपना इलाज पूरा कर सकें। वह संपर्क में आए हुए परिवारजनों की भी जांच सुनिश्चित करें। उन्होंने पंचायती राज अधिकारी को निर्देश दिया की टीवी की बीमारी से संबंधित जागरूकता दर्शाने बाल मटेरियल हर एक पंचायती राज इंस्टिट्यूशन में डिस्प्ले करवाएं।

इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक नूरपुर अस्पताल डॉक्टर सुशील शर्मा अध्यक्ष इंडियन मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन जिला कांगड़ा, प्रतिनिधि फार्मा डिस्ट्रीब्यूशन कांगड़ा, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी, जिला एलिमेंट्री एजुकेशन अधिकारी, जिला कांगड़ा के ड्रग इंस्पेक्टर, आई सी डी अधिकारी ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर तियारा, जिला पंचायत अधिकारी, गुंजन संस्था के प्रतिनिधि वह अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

 

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Shailesh Bhatnagar

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