इंडिया न्यूज, Shimla (Himachal Pradesh)
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Arlekar) ने सोमवार को डा. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के अंतर्गत कार्यरत क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र मशोबरा (Mashobra) में सेब उत्सव (apple fair) का शुभारंभ (inaugurated) किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने फील्ड जीन बैंक संग्रह में प्रदर्शित सेब की विभिन्न किस्मों का अवलोकन किया।
उन्होंने प्राकृतिक खेती के माध्यम से विकसित किए गए सेब के बगीचे का भी दौरा किया और उच्च घनत्व वाले सेब के उत्पादन की तकनीक की जानकारी ली।
उन्होंने केंद्र में औषधीय उद्यान का भी लोकार्पण किया और चिरायता का पौधा रोपित किया।
इसके बाद में किसान मेले में बड़ी संख्या में उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि डा. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय को प्राकृतिक खेती के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां न केवल हिमाचल, बल्कि पूरे देश के किसान और बागवान प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे।
गवर्नर ने कहा कि प्राकृतिक खेती को अपनाने वाले हिमाचल के किसान दूसरों के लिए मिसाल कायम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इन किसानों ने देश को एक नई राह दिखाई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विभिन्न अवसरों पर इन किसानों की सराहना की है।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के प्रदेश सरकार के प्रयासों, विशेषकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के योगदान की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि पर्यावरण संबंधी समस्याओं की गंभीरता को देखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का निर्णय लेकर सराहनीय पहल की थी।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में अधिक संख्या में किसानों और बागवानों को प्राकृतिक खेती को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये किसान देश का नेतृत्व कर रहे हैं और उनके प्रयास राष्ट्रहित में हैं।
उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर हम गौरव से कह सकते हैं कि प्रदेश प्राकृतिक खेती में देश का पथ प्रदर्शन कर रहा है।
उन्होंने किसानों से हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत अपने घरों में 13 से 15 अगस्त के दौरान तिरंगा फहराने की अपील भी की।
कृषि सचिव राकेश कंवर ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती किसानों-बागवानों द्वारा स्वैच्छिक रूप से अपनाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से किसानों के पास बेहतरीन विकल्प उपलब्ध हुआ है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य उत्पादकता को बढ़ाने के साथ-साथ उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपलब्ध करवाना है।
उन्होंने कहा कि खेतों में रसायनों के अत्यधिक उपयोग से जलवायु पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने प्राकृतिक खेती के संबंध में विस्तृत जानकारी भी प्रदान की।
इससे पूर्व, डा. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने राज्यपाल को सम्मानित करते हुए कहा कि क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, मशोबरा का प्राकृतिक खेती का पैकेज आफ प्रैक्टिस बागवानों को उपलब्ध करवाने के लिए दृढ़ प्रयास करेगा।
उन्होंने बागवानों से अपने पारंपरिक पौधों को पुनर्जीवित करने का भी आग्रह किया। क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र मशोबरा के सह निदेशक डा. दिनेश ठाकुर ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर सचिव उद्यान अमिताभ अवस्थी, राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, निदेशक अनुसंधान डा. संजीव कुमार चौहान, उद्यान एवं कृषि विभाग के अधिकारी, विभिन्न जिलों के किसान एवं बागवान तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
यह भी पढ़ें : चंबा में बादल फटने से 15 वर्षीय युवक की मौत
India News HP (इंडिया न्यूज़), Himachal Politics: सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव से पहले हिमाचल सरकार…
India News HP (इंडिया न्यूज़), Himachal Crime: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले से एक दिल…
India News HP (इंडिया न्यूज़), Himachal News: हिमाचल प्रदेश में यात्रा करने वालों के लिए…
India News HP (इंडिया न्यूज़), Himachal News: हिमाचल प्रदेश ने जल गुणवत्ता के मामले में…
India News HP (इंडिया न्यूज़),Himachal Health News: जब भी बारिश का मौसम शुरु होता हैं,…
India News HP (इंडिया न्यूज़), Himachal Disaster: हिमाचल प्रदेश के शिमला में भूस्खलन की घटनाएं…