इंडिया न्यूज़, हिमाचल प्रदेश: देश में आजकल एक नए वायरस ने दस्तक दी है। मौसम के बदलाव के साथ जुकाम, खांसी या कभी-कभी बुखार होना आम बात रहती है, लेकिन अगर आपको या आपके आस-पास इस तरह के लक्षण वाला कोई शख़्स मौजूद हो तो सावधान हो जाईए। क्योंकि करोना वायरस के बाद एक और वायरस देश में तेजी से अपने पैर पसार रहा है। शोधकर्ताओं के द्वारा इस वायरस को H3N2 इन्फ्लूएंजा नाम दिया गया है। डॉक्टर्स की माने तो H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस वाले मरीजों के लक्षण एक से है, जैसे खांसी, गले मे संक्रमण, नाक से लगातार पानी आना, शरीर में दर्द आदि। ये वायरस बच्चों और बुर्जगों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। वायरस की चपेट में आने से मरीज को रोज से निकलने में हफ्तों लग जाते है।
ये एक तरह का इंफ्लूएंजा ए वायरस है। ये वायरस मुख्य रुप से पक्षीयों को संक्रमित करते है। हालांकि 1968 के दौरान इंफ्लूएंजा ए वायरस के रुप में इंसानों में पाया गया था। इस वायरस का एक बहुत गंभीर रुप H1N2 है। जिसे स्वाइन फ्लू भी कहते है। हालांकि H3N2 वायरस स्वाइन फ्लू जितना खतरनाक नहीं है जो महामारी फैला देता है। ये वायरस एक तरह का इंफ्लूएंजा का साधारण वायरस है। ये एक श्वसन वायरल इंफेक्शन है जो हर साल बीमारियों का कारण बनता है। देश में इस वक्त ज्यादातर मामले H3N2 वायरस की वजह से हो रहे हैं
किसी भी तरह का वायरस अक्सर एक दूसरे से संपर्क में आने से फैलता है। इस लिए अगर आप किसी के संपर्क में आते है तो अपने हाथों को साबुन या हैंडवॉश से नियमित रूप से साफ करें और सैनिटाइज भी करें। मास्क पहनने वाले या फिर बीमार व्यक्तियों के संपर्क में आने से बचें। अगर आपको छींक या खांसी आती है तो ऐसे में रूमाल का इस्तेमाल करें या फिर ऐसा करते वक्त अपने मुंह को कवर करके रखें। किसी भी तरह के वायरल संक्रमण को रोकने के लिए जो सावधानियां बरती जाती हैं, वो करना चाहिए।
देश में H3N2 इन्फ्लूएंजा को लेकर ICMR और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(IMA) ने भी अपनी एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि अगर मरीज को इसके लक्षण मिले तो खुद से इलाज ना करें, इसकी जगह पास की किसी डॉक्टर के पास जाकर इसका इलाज कराए। इसके साथ ही एंटीबायोटिक दवाईयों के प्रयोग से भी बचने के निर्देश दिए है।