India News (इंडिया न्यूज़), Himachal: हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल सोमवार को राजभवन में हाईकोर्ट में नियुक्त होने वाले तीन जजों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। हाईकोर्ट में तीन नए जजों की नियुक्ति के बाद अब जजों की कुल संख्या 12 हो जाएगी। मुख्य न्यायाधीश समेत कुल स्वीकृत 17 पदों में से अभी भी पांच पद खाली चल रहे हैं। हाईकोर्ट में जुलाई 2023 तक कुल 94,627 लंबित मामलों के निपटारे की जिम्मेवारी अभी 12 जजों पर ही निर्भर रहेगी। इससे पहले हाईकोर्ट से न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर और न्यायाधीश अनूप चिटकारा को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़ स्थानांतरित किया गया था। अभी तक इनकी जगह किसी को भी स्थानांतरित नहीं किया गया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता रंजन शर्मा, बिपिन चंद्र नेगी और न्यायिक अधिकारी राकेश कैंथला हाईकोर्ट में नियुक्त होने वाले नए जज हैं। शुक्रवार को केंद्र सरकार ने इनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी की थी। सोमवार को राजभवन में 9:15 बजे शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। रंजन शर्मा का जन्म 21.08.1968 को हुआ था। वह धर्मशाला, जिला कांगड़ा के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सरकारी स्कूल धर्मशाला से पूरी की। इन्होंने रोहतक विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री स्वर्ण पदक के साथ उत्तीर्ण की थी। इन्हें दिसंबर 1991 में एक वकील के रूप में नामांकित किया गया था। मार्च 2019 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था। इन्हें 2008 और 2018 में दो बार अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में भी कार्यभार दिया गया था। रंजन शर्मा ने कानून के विभिन्न क्षेत्रों में वकालत की है।
बिपिन चंद्र नेगी का जन्म ग्राम शॉन्ग, तहसील सांगला, जिला किन्नौर में हुआ था। उनकी स्कूली शिक्षा सेंट एडवर्ड स्कूल शिमला और दिल्ली पब्लिक स्कूल आरके पुरम नई दिल्ली से हुई थी। इसके बाद इन्होंने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए अर्थशास्त्र (ऑनर्स) और एचपी विश्वविद्यालय शिमला से एलएलबी की डिग्री हासिल की। इन्हें वर्ष 1994 में एक वकील के रूप में नामांकित किया गया था और वर्ष 2015 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था। बिपिन चंद्र नेगी ने कानून के विभिन्न क्षेत्रों में वकालत करी है। राकेश कैंथला का जन्म 23 मई 1968 को शिमला में हुआ था।
इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा डीएवी स्कूल, लक्कड़ बाज़ार शिमला से की। राजकीय कॉलेज संजौली शिमला से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1991 में प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से एलएलबी की उपाधि हासिल की। वह 1991 में एक वकील के रूप में नामांकित हुए और कानून के विभिन्न क्षेत्रों में वकालत की। राकेश कैंथला ने 1995 में हिमाचल न्यायिक सेवा परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। वह 2010 में न्यायिक अधिकारियों की सीमित प्रतियोगी परीक्षा में फिर से प्रथम स्थान पर रहे और अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। इन्होंने हिमाचल प्रदेश में विभिन्न सिविल एवं सत्र प्रभाग में न्यायिक अधिकारी के रूप में कार्य किया है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति से पहले राकेश कैंथला को जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी के तौौर पर नियुक्त कियया गया था।
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