इंडिया न्यूज़, हिमाचल प्रदेश (Himachal Budget Session): मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा सदन में नई जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश सरकार को शराब ठेकों के आवंटन की नई प्रक्रिया से पिछले वर्ष की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक राजस्व प्राप्त होगा। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए आबकारी नीति के देखते हुए शराब की रिटेल दुकानों का आवंटन निलामी-कम-टेंडर के माध्यम से करने का फैसला लिया है। सीएम सुक्खू ने कहा कि वर्ष 2023-24 के लिए निलामी-कम-टेंडर के माध्यम से रिटेल दुकानों का आवंटन 1815 करोड़ रुपये में किया गया है, ये टेंडर पिछले वर्ष से लगभग 520 करोड़ रुपये अधिक है।
सीएम सुक्खू कहा कि शराब की दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया 16, 17 व 18 मार्च को रखी गई थी। जिसके फलस्वरूप सरकार को रिटेल दुकानों के आवंटन से पिछले वर्ष की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक राजस्व प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार की ओर से लगातार चार वर्ष तक केवल 10 प्रतिशत वृद्धि के साथ नवीनीकरण किया गया। अगर पिछले वर्षों में भी निलामी-कम-टेंडर को अपनाया गया होता तो राजस्व में अब तक कहीं अधिक वृद्धि हो गई होती।
बता दे कि सरकार ने 10 रुपये प्रति बोतल मिल्क सेस लगाने का भी निर्णय लिया है। इससे लगभग 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व आएगा। सरकार की तरइ से इस फैसले से प्रत्येक यूनिट में प्रतिस्पर्धा में वृद्धि हुई। इसके साथ एक पारदर्शी प्रकिया अपनाई गई है। वर्ष 2023-2024 की आबकारी नीति के अनुसार पहले 2,357 करोड़ रुपये राजस्व का अनुमान था, लेकिन रिटेल दुकानों के आवंटन में 40 प्रतिशत की वृद्धि होने के कारण इस वित्तीय वर्ष में लगभग 2,800 करोड़ रुपये से ज्यादा राजस्व आने का अनुमान है।
बजट सत्र के पांचवें दिन सोमवार को सदन का प्रश्नकाल शांतिपूर्ण तरीके से चला। 14 और 15 मार्च मार्च को विपक्ष के हंगामे के चलते प्रश्नकाल नहीं हो सका था। 16 मार्च को प्रश्नकाल भाजपा विधायकों की नारेबाजी के बीच चला था। 17 मार्च को मुख्यमंत्री के बजट भाषण के चलते प्रश्नकाल नहीं हुआ था। सोमवार को दोपहर 2:00 बजे विधानसभा की कार्यवाही प्रश्नकाल के साथ शांतिपूर्ण तरीके से एक घंटे तक चली।
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