India News (इंडिया न्यूज़), Himachal Cabinet, Himachal: हिमाचल प्रदेश के लिए ये साल काफी कष्टमई रहा। जहां बारिश के चलते काफी क्षति हुई है। जिसको लेकर हिमाचल प्रदेश के सीएम समेत मंत्रिमंडल की बैठक मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शिमला में आयोजित हुई। जहां मंत्रिमंडल की बैठक में बरसात के इस मौसम में राज्य में भारी बारिश के कारण हुई जानमाल की व्यापक क्षति पर दुख व्यक्त किया गया। इसके अलावा इस आपदा में जान गवाएं वलोगों के लिए हिमाचल मंत्रिमंडल ने शोक व्यक्त किया।
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, मंगलवार को हुई बैठक में 210 मेगावाट क्षमता की लुहरी चरण-1, 66 मेगावाट क्षमता की धौलासिद्ध, 382 मेगावाट क्षमता की सुन्नी बांध तथा 500 मेगावाट क्षमता की डुगर जल विद्युत परियोजना के लिए सतलुज जल विद्युत निगम व एनएचपीसी को प्रदत्त बाधा रहित निशुल्क विद्युत रॉयल्टी की छूट वापस लेने का भी निर्णय लिया गया तथा जल विद्युत परियोजनाओं से लिए जाने वाले जल उपकर की दरों का युक्तिकरण करने का भी निर्णय लिया।
इसके साथ-साथ मंत्रिमंडल ने स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति में संशोधन का निर्णय लिया। इसके तहत समझौता ज्ञापन 40 वर्षों के लिए होगा और रॉयल्टी की दरें 12 वर्ष के लिए 15 प्रतिशत, अगले 18 वर्षों के लिए 20 प्रतिशत तथा शेष 10 वर्षों के लिए 30 प्रतिशत होंगी। इसके बाद परियोजना राज्य सरकार को बिना किसी लागत तथा सभी तरह की देनदारियों और ऋण भार से मुक्त वापस मिल जाएगी। हालांकि, बढ़ी हुई अवधि के लिए राज्य को अदा की जाने वाली रॉयल्टी 50 प्रतिशत से कम नहीं होगी।
मंगलवार को हुए बैठक में हिमाचल प्रदेश विधवा पुनर्विवाह योजना के तहत प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता 65 हजार से बढ़ाकर 2 लाख रुपये करने को भी स्वीकृति प्रदान की गई। जहां मंत्रिमंडल ने वर्ष 2023-24 के लिए राज्य में मंडी मध्यस्थता योजना के अंतर्गत सेब, आम और नींबू प्रजाति के फलों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करने का भी निर्णय लिया। जिसके तहत अब सेब और आम का समर्थन मूल्य 10.50 रुपये के बजाय 12 रुपये प्रति किलो होगा। इसके अतिरिक्त किन्नू, माल्टा और संतरे के लिए समर्थन मूल्य 9.50 रुपये से बढ़कर 12 रुपये प्रति किलो, जबकि नींबू व गलगल का समर्थन मूल्य आठ रुपये से बढ़कर 10 रुपये प्रति किलोग्राम हो जाएगा।
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