इंडिया न्यूज, शिमला :
HP Budget : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने चुनावी साल में बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के द्वार खोले हैं। मुख्यमंत्री ने सरकारी और निजी सेक्टर में 30 हजार लोगों को रोजगार देने की घोषणा की है।
इसमें स्वास्थ्य के क्षेत्र में 780 पदों को भरा जाएगा। वहीं, डाक्टरों के 500 नए पदों को भी सृजित किया जाएगा। अभी प्रदेश में डाक्टरों का 2,400 का काडर है जोकि पूरा भरा हुआ है।
उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं के 780 नए पदों को भरा जाएगा। आशा फैसिलिटेटर के 437, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के 870 और एनएचएम के तहत विभिन्न श्रेणियों के 264 पदों को भरा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने हमीरपुर, नाहन, चम्बा, नेरचौक मेडिकल कालेजों में समुचित फैकल्टी और अन्य श्रेणियों के पद भरने की भी घोषणा की। इसके अलावा, विभिन्न विभागों में खाली पदों को भी भरा जाएगा।
इनमें जलशक्ति विभाग में पैराफिटर और मल्टी टास्क पार्ट टाइम वर्कर भी शामिल हैं। शिक्षा विभाग में अध्यापकों, पुलिस आरक्षी भर्ती, बिजली बोर्ड के तकनीकी, लाइनमैन व जूनियर टी-मेट, एचआरटीसी में चालक-परिचालकों के खाली पदों को भरा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अगले साल शिक्षा और लोक निर्माण विभाग में अंशकालीन मल्टी टास्क वर्कर्स की भर्ती प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा।
गृहरक्षकों की आवश्यक भर्ती करने की भी उन्होंने घोषणा की। कर्मचारियों के कल्याण को प्रमुखता देते हुए मुख्यमंत्री ने उनके सरकारी आवासों के रखरखाव और मुरम्मत कार्यों के लिए 37 करोड़ रुपए व्यय करने की घोषणा की। वहीं, नए घरों के निर्माण के लिए 35 करोड़ रुपए के बजट का भी प्रावधान करने की बात कही।
अटल पेंशन योजना, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए भारत सरकार की पेंशन योजना के श्रमिकों, गृहिणी, व्यापारी वर्ग, किसान, बागवान और स्वरोजगार युवाओं के लिए सरकार 15 करोड़ रुपए का सरकारी अंशदान उनकी पेंशन निधि के लिए करेगी।
सरकार इस योजना के तहत 2 हजार रुपए प्रति वर्ष तक का अंशदान प्रदान करती है। विभिन्न विभागों से जुड़े सभी पैरा वर्कर्स को इस योजना से अगले साल जोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इस स्कीम में सरकार के अंशदान को 2,000 रुपए से बढ़ाकर 3,000 रुपए करने की घोषणा की है। इससे प्रदेश में 1 लाख 50 हजार से ज्यादा लोगों को लाभ मिलेगा।
आउटसोर्स कर्मियों से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए मोडल टेंडर के अनुसार हर कर्मी को एक पे स्लिप देना अनिवार्य किया जाएगा।
इस पे स्लिप में सर्विस प्रोवाइडर कर्मी को लिखित रूप से समस्त कटौती जैसे ईपीएफ, कर्मी को मिलने वाले नेट वेजीस को दिखाना होगा। श्रम विभाग इन दिशा-निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करेगा।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बजट में प्रदेश में पर्यटन क्षेत्रों को जोड़ने वाली सड़कों के रखरखाव की समय-सीमा को 5 साल से घटाकर 3 साल करने की घोषणा की है।
इससे प्रदेश में आने वाले पर्यटकों और यहां के लोगों को बेहतर आवागमन की सुविधा मिलेगी। इस पर 350 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 1,060 किमी नई सड़क और 75 नए पुलों के निर्माण की घोषणा भी की है। प्रदेश की 20 पंचायतों, 80 गांवों और 22 बस्तियों को सड़क सुविधा से जोड़ने का भी ऐलान सीएम ने किया है।
पीएमजीएसवाई-3 के तहत 440 किमी लंबी 45 सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इस पर 552 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। जून, 2023 तक शेष बची डीपीआर केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजी जाएगी।
इसी तरह 700 करोड़ रुपए 110 किमी लंबे एनएच के रखरखाव पर खर्च किए जाएंगे। नाबार्ड के आरआईडीएफ के तहत 180 किमी सड़क, 235 किमी क्रोस ड्रेनेज, 395 किमी सड़कों का पक्का करना और 25 पुलों का निर्माण किया जाएगा।
बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए 60 किमी लंबी सड़कों पर चिन्हित ब्लैक स्पाट्स को सुरक्षित किया जाएगा। सड़कों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए जिओ-सिंथेटिक मैटीरियल तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
बर्फबारी के दौरान वाहनों को स्किड होने से बचाने और दुर्घटना को रोकने के लिए एक नए प्रभावी पदार्थ कैल्शियम क्लोराइड ब्राइन का इस्तेमाल किया जाएगा।
25 करोड़ रुपए की लागत से क्रोस ड्रेनेज और कल्वर्ट का प्रावधान किया जाएगा। इसी तरह 2,200 किमी लंबी सड़कों का समय-समय पर रखरखाव किया जाएगा।
इन लक्ष्यों की पूर्ति के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने बजट में लोक निर्माण के लिए वर्ष 2022-23 के लिए 4,373 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 50 हजार एकड़ भूमि को इससे जोड़ा जाएगा। प्रदेश की सभी 3,615 पंचायतों में प्राकृतिक कृषि का 1-1 मोडल विकसित किया जाएगा।
इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रदेश में 100 गांवों को राष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्राकृतिक कृषि गांव के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक कृषि कर रहे सभी किसानों को पंजीकृत किया जाएगा और उनमें श्रेष्ठ 50 हजार किसानों को प्राकृतिक कृषक के रूप में प्रमाणित किया जाएगा।
इसके लिए एक पोर्टल डेवेलप किया जाएगा। प्राकृतिक खेती से तैयार उत्पादों की बिक्री के लिए 10 नई मंडियां खोली जाएगी। 2 स्थानों पर प्राकृतिक कृषि के उत्पादों की बिक्री के लिए विशेष मंडी खोली जाएगी।
दिल्ली और प्रदेश में चुने हुए स्थानों पर बिक्री केंद्र स्थापित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 में केंद्रीय बजट में प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए लगभग 1500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पराला मंडी को आदर्श मंडी के रूप में डेवेलप किया जाएगा। फलों और सब्जियों के भंडारण की सुविधाओं में और बेहतरी के लिए इस मंडी में 60 करोड़ 93 लाख रुपए की लागत से 5,000 मीट्रिक टन क्षमता का एक नया सीए स्थापित किया जाएगा।
जायका चरण-2 के तहत प्रदेश में 13 मार्केट यार्डों को और सुदृढ़ किया जाएगा। इस पर 31 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। अगले साल प्रदेश में एक और फूल मंडी स्थापित की जाएगी। इस पर 3 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
हींग और केसर की खेती के बाद अब दालचीनी और मौंक फ्रूट की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा, ड्रैगन फ्रूट की खेती की संभावनाओं का पता लगाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बीज उपदान पर दी जाने वाली सब्सिडी को 5 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए किए जाने की घोषणा की। किसानों को अच्छी क्वालिटी का बीज देने के लिए 3 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है।
किसानों की उपज बेहतर दाम पर बेचने के लिए प्रदेश में 20 नए किसान उत्पादक संगठनों का गठन किया जाएगा। इसमें 10 संगठन प्राकृतिक कृषि पर आधारित होंगे।
प्रदेश में कृषि को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने बजट में 583 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है।
बजट में मुख्यमंत्री ने कहा कि 58 करोड़ रुपए की लागत से चच्योट, रिकांगपिओ और चम्बा में सीए स्टोर खोले जाएंगे। रोहड़ू, गुम्मा, जडोल टिक्कर, टूटूपानी और भुंतर में बन रहे सीए स्टोर को इसी साल शुरू किया जाएगा।
प्रदेश की बागवानी को एक नई पहचान दिलाने वाले सत्यानंद स्टोक्स की याद में सरकार उनकी कर्मभूमि शिमला जिले के कोटगढ़, थानाधार और आसपास के क्षेत्र को सत्यानंद स्टोक्स ट्रेल का निर्माण करेगी।
उन्होंने कहा कि इसका बहुआयामी स्वरूप बागवानी, पर्यटन, भाषा एवं संस्कृति विभाग के समन्वय से विकसित किया जाएगा। अलग-अलग स्थानों पर सीए स्टोर खोले जाएंगे।
बागवानी विकास परियोजना के सकारात्मक परिणाम को देखते हुए शिलारू और पालमपुर में 2 सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाएंगे। जामुन और मेवों की खेती के लिए कलस्टर बनाए जाएंगे।
फूलों की खेती का विस्तार करने के लिए आर्किड और सजावटी पौधों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। पुष्प क्रांति योजना के तहत 11 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बागवानी क्षेत्र के लिए वर्ष 2022-23 में 540 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है। HP Budget
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