India News (इंडिया न्यूज़), Himachal: संवाददाता श्वेता नेगी- हिमाचल प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों की जो दयनीय स्थिती है उस से प्रदेश का हर व्यक्ति वाकिफ है. आपको बता दें प्रदेशभर में कर्मचारियों की स्थिती काफी नाजुक है. खबरें प्रदेश में ऐसी भी सामने आई कि NHM (नेशनल हेल्थ मिशन) के 3 आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाने के आदेश पारित हो गए हैं, और उन्होंने स्वास्थ्य सचिव पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कर्मचारियों का कहना है कि कर्मचारियों से घर का काम करवाया जाता था. और जब कर्मचारियों ने घर का काम करने से मना किया तो उन्हें निकालने की धमकी मिल रही है. NHM में ये कर्मचारी 3 से 5 साल से सेवाएं दे रहे हैं. ये कैसा प्रदेश प्रशासन है जो खुद के रखे हुए कोरोनाकाल के कर्मचारियों को अब निकाल रहा है. हिमाचल में अब इन कर्मचारियों का खून गर्म हो गया है. कर्मचारी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. आपको बता दें 9 अगस्त 2023 को सीटू कर्मचारी पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करेंगे. कर्मचारियों का कहना है कि हिमाचल में वो 9 अगस्त को प्रदर्शन करेंगे. आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि उनकी भूमिका अहम है लेकिन फिर भी उन्हे नौकरी से निकालने की बात की जा रही है.
इसी मामले पर अब प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का बयान सामने आया है. सीएम ने कहा है कि वो कर्मचारी किसी ठेकेदार के माध्य से लगे होते हैं. कोई किसी के पास काम करता है तो निकाल दिया. इसलिए इस प्रकार की कोई विवाद वाली बात नहीं होती है. इसमें पीड़ितों की समस्याएं सुनी जाएगी.
CM सुक्खू का बयान pic.twitter.com/9lOSzfxXAC
— Shweta Negi 🖊️ (@Shwetaa_Negi) August 8, 2023
सीएम के इसी बयान पर BJP प्रवक्ता मोहिंद्र धर्माणी ने कहा है कि मुख्यमंत्री का ये बयान उनके गैर जिम्मेदाराना व्यवहार को प्रस्तुत करता है. और ये हिमाचल के बरोजगारों के साथ अन्याय है. धर्माणी ने कहा है कि जो युवक और युवतियां
कोविड के दौरान अपनी जान हथेली पर रखकर मरीजों की सेवा कर रहे थे, जिन्हें आए दिन सरकार सम्मानित कर रही है. आज उन्हें नौकरी से बर्खास्त किए जाने पर मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि वो ठेकेदार के पास काम करने वाले लोग हैं. उन्होंने कहा 5 लाख बेरोजगारों को नौकरी देने वाली गारंटी देकर सत्ता में आई सरकार ने नौकरी तो कोई दी नहीं, लेकिन सैकड़ों नौकरियां छीन जरूर ली. धर्माणी ने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान ये साबित करता है कि ना तो नौकरियां देने की इस सरकार की कोई मंशा है और ना ही नीयत, और इसके लिए सरकार के पास कोई रोड़मैप भी नहीं है. केवल सत्ता पाने के लिए उन्होंने बेरोजगारों को ठगा है. BJP ने कहा कि आउटसोर्स जिसे मुख्यमंत्री ठेका बोल रहे हैं उसमें 40 हजार से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत है, मुख्यमंत्री स्पष्ट करें कि क्या 40 हजार कर्मचारियों को वो निकालने जा रहे हैं. दरअसल BJP की ये मांग है कि सरकार आउटसोर्स कर्मियों को मात्र ठेकेदारों का नौकर न समझे, सरकारी क्षेत्र में अपनी सेवाएं देने वाला ये बहुत बड़ा वर्ग है. इस वर्ग के लिए सरकार को एक ठोस नीति बनानी चाहिए. –संवाददाता श्वेता नेगी
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