India News(इंडिया न्यूज़) Himachal: केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (CRI) कसौली अब नए बैक्टीरिया और वायरस पर भी शोध करेगा। इससे नई बीमारियों का पता चलेगा। इसके अलावा कोरोना जैसे खतरनाक वायरस के आने के बाद दवाओं पर भी आसानी से रिसर्च हो सकेगी। अभी इस तरह का शोध दिल्ली स्थित लैब में किया जा रहा है। बीमारियों पर शोध के बाद संस्थान में ही दवा बनाने में आसानी होगी। इसके लिए संस्थान में बायो सेफ्टी लेवल लीन (BSL 3) लैब स्थापित की जा रही है। इस लैब को स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार और स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय से मंजूरी मिल चुकी है।
प्रदेश में स्थापित होने वाली इस पहली लैब की खास बात यह है कि लैब बनने के बाद वायरस को रखा भी जा सकेगा और उस पर शोध भी किया जा सकेगा, जिससे वायरस के म्यूटेशन का पता लगाया जा सकेगा. सीआरआई कसौली में बीएसएल लैब की स्थापना से वातावरण में फैले बैक्टीरिया और वायरस का आसानी से पता लगाया जा सकेगा। शोध के बाद इन खतरनाक बीमारियों से लड़ने के लिए सीआरआई में ही दवा तैयार की जाएगी। संस्थान के सहायक निदेशक एवं जनसंपर्क अधिकारी डॉ. यशवंत कुमार ने कहा कि जल्द ही संस्थान में बीएसएल तीन लैब स्थापित की जाएगी। इसके लिए कवायद शुरू हो गई है।
सीआरआई में स्थापित लैब में अब तक खतरनाक वायरस का पता नहीं चला था। हालांकि कम हानिकारक बैक्टीरिया पर शोध हुआ था। साथ ही इनसे होने वाली बीमारियों के बारे में पता लगाकर वैक्सीन भी बनाई जाती है। अब वैज्ञानिक यहां लैब की नई व्यवस्था करने जा रहे हैं।
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