इंडिया न्यूज, Shimla (Himachal Pradesh)
राज्यपाल (Himachal Governor) राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने रविवार को मंडी के पड्डल खेल मैदान में 22वीं सब-जूनियर राष्ट्रीय वुशू प्रतियोगिता 2022 (Sub-Junior Wushu Competition) का शुभारम्भ (launches) किया।
उन्होंने इस अवसर पर वुशू खेल को व्यापक स्तर पर बढ़ावा देने पर बल देते हुए कहा कि यह खेल न केवल शारीरिक क्षमता को सुधारने का कार्य करता है, बल्कि इससे व्यक्ति अनुशासित भी बनता है।
यह प्रतियोगिता भारतीय वुशू संघ और हिमाचल प्रदेश वुशू संघ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की जा रही है।
आर्लेकर ने कहा कि खिलाड़ियों की प्रतिभा वास्तव में प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि अनुशासन की कमी के कारण समाज में कई समस्याएं हैं लेकिन इन खिलाड़ियों द्वारा दिखाया गया अनुशासन प्रेरणादायक है।
उन्होंने कहा कि वुशू न केवल एक खेल है, बल्कि आज के समय की आवश्यकता है क्योंकि इससे व्यक्ति में आत्म-अनुशासन का विकास होता है।
आर्लेकर ने भारतीय वुशू संघ और राज्य वुशू संघ के प्रयासों की सराहना की और संतोष व्यक्त किया कि राज्य की युवा पीढ़ी इस खेल को अपना रही है और बड़ी संख्या में प्रतियोगिता में भाग ले रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ओलंपिक गेम्स में भी वुशू को शामिल करने के प्रयास कर रही है।
आर्लेकर ने इस अवसर पर औपचारिक रूप से प्रतियोगिता का शुभारम्भ किया जिसमें 33 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के 1,300 खिलाड़ी इस 5 दिवसीय प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं।
स्पेशल ओलंपिक इंडिया की अध्यक्षा डा. मलिका नड्डा ने वुशू प्रतियोगिता में देशभर से आए खिलाड़ियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस खेल के बारे में बहुत कम लोग अवगत थे लेकिन वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देश की भावी पीढ़ी को यह कला सिखाई जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अब तक इस खेल के खिलाड़ियों ने 4 अर्जुन पुरस्कार और 1 द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त किए हैं।
उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर खेलों को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जा रहा है और खेलो इंडिया के माध्यम से भी इसे प्रोत्साहित किया जा रहा है।
डा. मलिका नड्डा ने कहा कि राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष और पैरालंपिक गेम्स में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
उन्होंने राज्य सरकार से विशेष और पैरालंपिक के खिलाड़ियों के लिए एक स्टेडियम बनाने का आग्रह किया ताकि उन्हें अपनी प्रतिभा निखारने के लिए उचित स्थान मिल सके।
इससे पूर्व पड्डल मैदान पहुंचने पर राज्यपाल को भारतीय वुशू संघ द्वारा पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल ने खेल का झंडा फहराया।
राज्यपाल ने इस अवसर पर डेमो फाइट का भी आनंद लिया। इस अवसर पर विभिन्न आयु वर्ग के वुशू पुरस्कार विजेता खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
इससे पूर्व आयोजन समिति के उपायुक्त एवं अध्यक्ष अरिंदम चौधरी ने भी राज्यपाल को हिमाचली टोपी और शाल भेंट कर सम्मानित किया।
हिमाचल प्रदेश वुशू संघ के महासचिव पीएन आजाद ने राज्यपाल का स्वागत किया और संघ की विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी तथा इस अवसर पर प्रतियोगिता की विस्तृत जानकारी दी।
हिमाचल प्रदेश वुशू संघ के अध्यक्ष शिवपाल मनहंस ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। इस अवसर पर जिला परिषद मंडी के अध्यक्ष पाल वर्मा, भारतीय वुशू संघ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुहेल अहमद, भारतीय वुशू संघ के उत्तरी क्षेत्र के समन्वयक सुदर्शन और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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