India News (इंडिया न्यूज़), Himachal, Himachal: हिमाचल प्रदेश में छात्रवृत्ति लेने के लिए नियम और सख्त हो गए हैं। अब लाभार्थी विद्यार्थियों के साथ-साथ छात्रवृत्ति के आवेदन सत्यापित करने वाले अधिकारियों के बायोमीट्रिक आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य कर दिए गए हैं। अल्पसंख्यक मंत्रालय की छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए प्रदेश में नई व्यवस्था लागू हुई है। पांच अगस्त से बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी। ग्राम स्तरीय उद्यमियों की मदद से प्रमाणीकरण किया जाएगा।
शिक्षण संस्थानों में इसके लिए कॉमन सर्विस सेंटर खोले जाएंगे। इस प्रक्रिया को पूरा किए बिना संस्थान स्तर पर वर्ष 2022-23 के लिए आवेदन सत्यापित नहीं हो सकेंगे। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने नई व्यवस्था को लेकर वीरवार को सभी निजी और सरकारी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और स्कूलों के प्रभारियों को पत्र जारी किए हैं। छात्रवृत्ति योजनाओं में होने वाले घोटालों से बचने के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय ने आवेदनों को सत्यापित करने की प्रक्रिया में बदलाव किया है।
अब लाभार्थी विद्यार्थियों सहित आवेदनों को सत्यापित करने वाले जिला नोडल अधिकारियों और शिक्षण संस्थान प्रमुखों का भी बायोमीट्रिक आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर वही अधिकारी लॉगइन कर सकेगा, जिसका बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण हुआ होगा। भारत सरकार की ओर से अल्पसंख्यक समुदाय के लिए संचालित पोस्ट मैट्रिक, पूर्व मैट्रिक छात्रवृति तथा मैरिट कम मिन्स छात्रवृत्ति योजना के कारण इस व्यवस्था को लागू किया है।
इसके अलावा सभी पात्र विद्यार्थियों के बैंक खातों को आधार नंबर से जोड़ने के भी निर्देश दिए हैं। आधार नंबर से नहीं जुड़ने वाले बैंक खातों में छात्रवृत्ति राशि नहीं दी जाएगी। अगर किसी विद्यार्थी की आयु 18 वर्ष से कम होगी तो ऐसे मामलों में अभिभावकों के आधार नंबर बैंक खाते से जोड़े जाएंगे। बायोमीट्रिक आधार प्रमाणीकरण भी अभिभावकों का ही होगा।
पांच से बीस अगस्त तक होगा विद्यार्थियों का प्रमाणीकरणप्रदेश के शिक्षण संस्थानों में अल्पसंख्यक मंत्रालय की छात्रवृत्ति योजनाओं के लाभार्थी विद्यार्थियों का बायोमीट्रिक आधार प्रमाणीकरण पांच से बीस अगस्त तक होगा। सभी नए आवेदकों के साथ पुराने आवेदन भी नई व्यवस्था के तहत ही रिन्यू किए जाएगे। इन आवेदनों का सत्यापन 10 से 25 अगस्त तक होगा।
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