India News (इंडिया न्यूज़), Himachal News : हिमाचल प्रदेश में अवैध कटान और बाहरी राज्यों के लिए गैरकानूनी तरीके से लकड़ी ले जाने के मामले लगातार बढ़ रहे पर अंकुश लगाने के लिए अब राज्य सरकार ने 19 में से छह प्रजातियों के काटने पर रोक लगा दी है। इनमें आम, बान, पाजा, तूणी, रीठा और त्रियांबल किस्में शामिल हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि राज्य के बाहर किसी भी किस्म की इमारती लकड़ी और ईंधन की लकड़ी को ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा, जिसका उद्देश्य हिमाचल प्रदेश से लकड़ी की तस्करी पर अंकुश लगाना और राज्य के मूल्यवान संसाधनों को बचाना है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को कहा कि इन छह किस्मों को वन विभाग के 10 वर्षीय कटाई कार्यक्रम में लाया गया है। अब इन पेड़ों को केवल वन विभाग की अनुमति के बाद ही काटा जा सकता है। हालांकि, नए नियमों में घरेलू कार्यों के लिए एक वर्ष में अधिकतम पांच पेड़ों को काटने की अनुमति रहेगी।
राज्य सरकार के इस निर्णय से वनों के अवैध कटान की रोकथाम होगी और जैव विविधता बचाने में भी मदद मिलेगी। वन विभाग ने 13 पेड़ प्रजातियों की एक संशोधित सूची अधिसूचित कर दी है, जिन्हें वन परिक्षेत्राधिकारी को सूचित कर काटा जा सकता है। बाकी अन्य चिन्हित प्रजातियों के पेड़ों को काटने के लिए वन विभाग की अनुमति अनिवार्य होगी। वर्ष 2021 में निजी जमीन पर लगे पेड़ों की 19 प्रजातियों को काटने और बेचने पर छूट दी गई थी।