India news (इंडिया न्यूज़), Himachal news, हिमाचल प्रदेश: जैव विविधता अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर हिमाचल प्रदेश राज्य विविधता बोर्ड (एचपीएसबीबी), क्षेत्रीय सह सुविधा केंद्र (आरसीएफसी) व उत्तर राष्ट्रीय औषधीय बोर्ड (एनएमपीबी) के संयुक्त तत्वाधान में आज हिमाचल हॉलिडे होम शिमला में राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव एवं अध्यक्ष राज्य जैव विविधता बोर्ड प्रबोध सक्सेना ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।
जैव विविधता पर आधारित राज्य स्तरीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए प्रबोध सक्सेना ने कहा कि वर्ष 2023 की जैव विविधता अंतर्राष्ट्रीय दिवस की थीम ‘एग्रीमेंट टू एक्शन बिल्ड बैंक बायोडायवर्सिटी’ पर आधारित रखी गई है जिसे यूनाइटेड नेशन द्वारा पारित की गई थी। उन्होंने कहा कि यह दिवस जैव विविधता जागरूकता बढ़ाने और जैव विविधता संरक्षण एवं टिकाऊ उपयोग के लिए उपयुक्त माप लेने का अवसर प्रदान करता है।
प्रबोध सक्सेना ने कहा कि जैव विविधता दिवस का अपना विशेष महत्व होता है परन्तु इस वर्ष के वैश्विक उत्सव का महत्व कुनमिंग-मॉन्ट्रियल ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क को अपनाने के साथ और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह फ्रेमवर्क जैव विविधता संरक्षण को लेकर आशा की एक नई किरण लेकर आया है।
उन्होंने कहा कि राज्य जैव विविधता की सभी अनूठी विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए इसके संरक्षण के लिए सभी हितधारकों की तत्काल कार्यान्वयन की आवश्यकता है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड को सफल आयोजन के लिए बधाई देते हुए बोर्ड द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना भी की।
उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होने का मेरा एक ही उद्देश्य होता है और वह है कुछ नया सीखना व ज्ञान प्राप्त करना। उन्होंने कहा कि एक समय था जब युके व स्कॉटलैंड के शासक जैविक अनाज का इस्तेमाल करते थे लेकिन आम लोग जैविक अनाज का इस्तेमाल करने में असमर्थ थे । उन्होंने कहा कि वर्तमान में लोग धीरे धीरे जैविक खेती की ओर बढ़ रहे है और जैविक अनाज को भी इस्तेमाल करने लग गए है जो कि स्वास्थ्य की दृष्टि से एक अच्छा कदम है।
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