Himachal News: हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शांता कुमार ने कहा कि हिंदी भाषा को दरकिनार किया जा रहा है। 1947 के बाद के बाद भारत अंग्रेजों की गुलामी से तो मुक्त हो गया, लेकिन 75 साल के बाद भी अंग्रेजी भाषा भारत में फल-फुल रही है। उन्होंने कहा कि देश में सरकारी कार्यों से लेकर लोगों के व्यहवार में भी हिंदी भाषा अलग हो रही है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी विश्व की भाषा है, उसे पढ़ना-लिखना चाहिए। हम इसका विरोध नहीं करते, लेकिन ऐसे में हिंदी को दरकिनार नहीं करना चाहिए।
पूर्व सीएम ने कहा कि इस बार 12वा हिंदी सम्मेलन फिजी में हुआ। जिसकी अध्यक्षता विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की। फिजी के उप-प्रधानमंत्री ने इस मौके पर हिंदी भाषा में अपना भाषण दिया। दुनियाभर के 1200 हिंदी विद्वानों ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया। सम्मेलन को हिंदी भाषा का महाकुंभ कहा गया । देश के विदेश मंत्री ने इस मौके पर हिंदी को विश्व भाषा बनाने का आह्वान किया। विदेश में सभी हिंदी की बात करते है।
वहीं, शांता कुमार ने कहा कि हिंदी भाषा के लिए सम्मेलन करना। विश्वभार में हिंदी को बढ़वा देना। अच्छी बात है। मग़र हिंदी को देश के लोगों के द्वारा ही दरकिनार कर देना। बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी जैसे लोग जो हिंदी भाषी प्रदेश नहीं थें। उन्होंने हिंदी को आगे बढ़ाने का काम किया हैं। भारत की आजादी में हिंदी भाषा प्रमुख रही है, लेकिन आजादी के 75 साल बाद हिंदी को उपेक्षित किया जा रहा है। शांता कुमार ने सरकार से आग्रह किया कि सरकार इस प्रश्न को गंभीरता से लेते हुए इस विषय पर विचार करें, और हिंदी को उसका उच्चतम स्थान दिलाएं।