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Himachal News: हरियाणा के सीएम से मिले सीएम सुक्खू, दोनों प्रदेशों के बीच कई मुद्दों पर हुई चर्चा, वाटर सेस को लेकर नहीं बनी सहमति

• LAST UPDATED : April 22, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), हिमाचल: हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यानी 22 अप्रैल के प्रदेश में वाटर सेस को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से चंडीगढ़ में मुलाकात की। दोनों ही राज्यों के बीच इस मुलाकात के कई उद्देश्यें थे, इसमें प्रदेश की तरफ से वाटर सेस को बढ़ाए जाने को लेकर चर्चा हुई। मुलाकात के बाद हरियाणा के सीएम ने जानकरी दि कि आन्य मुद्दों के लेकर दोनों राज्य तैयार है, लेकिन वाटर सेस के लेकर अभी सहमती नहीं बनी है। हालांकि उन्होंने संकेत दिए कि इस मुद्दे पर अभी कई दौर की वार्ता की जरूरत है।

बद्री धाम पर हुई चर्चा
सीएम सुक्खू ने जानकारी दि कि वाटर सेस को बढ़ाए जाने को लेकर केंद्रीय जल शक्ति विभाग को भी शामिल करेंगे ताकि राज्यों को अपनी जरूरत की बिजली पानी मिल सके। वहीं बद्री धाम पर काम शुरू करने को लेकर भी चर्चा हुई है। मुलाकात के बाद सीएम सुक्खू ने कहा कि आज पहली मुलाकात हुई है भविष्य में आगे भी मुलाकात होती रहेगी। उन्होंने कहा कि कोई भी राज्य ऐसा कानून पास नहीं कर सकता, जिससे दूसरों राज्यों के हित प्रभावित हो। उन्होंने कहा कि हाइड्रो कंपनी पर सेस लगाने से उनकी लागत बढ़ जाएगी जो की सैद्धांतिक विषय है। उन्होंने कहा कि इस पर दोनों सरकारें केंद्र सरकार से चर्चा करेगी।

हइड्रो बिजली कंपनियों पर पड़ेगा सेस का असर- सीएम सुक्खू
बैठक में किशाऊ डैम पर भी चर्चा हुई है इसके अलावा दोनों राज्यों के बीच बॉर्डर को लेकर भी कुछ छोटे यीशु हैं जिन पर भी चर्चा हुई है। बद्दी से हिमाचल को जाने वाले एक रास्ते को हरियाणा से जोड़ने पर भी चर्चा हुई है। सीएम सुक्खू ने कहा कि सेस लगने से हरियाणा व पँजाब पर कोई नुकसान नहीं होगा, बल्की इसका असर बिजली कंपनियों पर होगा । उन्होंने कहा कि इसको लेकर सचिव लेवल पर बैठक होगी। हमारे सेस का असर हइड्रो बिजली कंपनियों पर पड़ेगा सीधे कोई राज्य प्रभावित नही होगा।

हिमाचल का कानून देश के संघीय ढांचे के खिलाफ नही है
आर्थिक तंगी से जूझ रही हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए पनबिजली उत्पादन पर वाटर सेस लागू किया है। इसको लेकर पड़ोसी राज्य उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर राजस्व जुटाने के लिए सरकार ने बिजली उत्पादन पर पानी का सेस लगाने का फैसला लिया है। प्रदेश में छोटी-बड़ी करीब 175 पनबिजली परियोजनाओं पर वाटर सेस से सरकार के खजाने में हर साल करीब 700 करोड़ रुपए जमा होंगे।

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