India News (इंडिया न्यूज़), Himachal: महर्षि मार्कंडेश्वर विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेज सोलन पर 1,03,965,3000 रुपये की अतिरिक्त फीस वसूली पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की अदालत ने सोमवार को मामले की अंतिम सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। जुर्माना राशि को तीन माह में आयोग के बैंक खाते में जमा करवाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा विद्यार्थियों से अधिक वसूली फीस वापस करने के निर्देश भी दिए हैं। एमएमयू पर आठ शैक्षणिक सत्र के करीब 1200 एमबीबीएस विद्यार्थियों से ज्यादा फीस लेने का आरोप है।
शैक्षणिक सत्र 2013-14 से 2020 तक एमबीबीएस करने वाले विद्यार्थियों ने आयोग से शिकायत की थी। बीते वर्ष आयोग ने एमएमयू और मेडिकल कॉलेज पर 45 लाख रुपये का जुर्माना किया था। इस दौरान आयोग के एक सदस्य ने खुद को मामले से हटाते हुए हस्ताक्षर नहीं किए थे। शिक्षण संस्थान इस मामले को लेकर हाईकोर्ट गया था। हाईकोर्ट ने आयोग को कोरम पूरा करते हुए फैसला सुनाने को कहा था। सोमवार को आयोग के अध्यक्ष और सदस्य ने फैसले पर हस्ताक्षर करते हुए 45 लाख रुपये की जुर्माना राशि को बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दिया है। आयोग की अदालत के समक्ष नए तथ्य आने के बाद जुर्माना राशि में बढ़ोतरी हुई है।
आयोग के पास एक शिकायत वर्ष 2021 के दौरान आई थी। आयोग ने सभी शिकायतकर्ताओं और एमएमयू तथा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन का पक्ष सुना था। शपथपत्र के जरिए सभी पक्षों से जानकारियां प्राप्त की गईं थी। सोमवार को आयोग की अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज और विवि प्रबंधन ने साढ़े चार वर्ष की जगह अधिक अवधि के लिए फीस वसूल की। शैक्षणिक सत्र 2013 से 2020 तक 103.96 करोड़ रुपए की फीस और अन्य शुल्क अधिक वसूले गए। विनियामक आयोग ने इस मामले की जांच एमएमयू और मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने वाली डॉ. निवेदिता और डॉ. यामिनी की शिकायत पर की।
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