India News (इंडिया न्यूज़), Himachal News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को दोपहर बाद 2:00 बजे से शुरू होगा। सत्र के पहले दिन ही सदन में हंगामे के आसार हैं। विपक्ष भारी बारिश से हिमाचल प्रदेश पर आई आपदा को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास करेगा तो कांग्रेस केंद्र सरकार से पर्याप्त मदद न मिलने की बात कर भाजपा पर पलटवार करेगी। सीएम सुखविंद्र सुक्खू सदन में इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव पारित करने का प्रस्ताव रखेंगे। जिसे बाद में केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
25 सितंबर तक चलने वाले इस मानसून सत्र में सात बैठकें प्रस्तावित हैं। यह चौदहवीं विधानसभा का तीसरा सत्र होगा। इस सत्र की शुरुआत हाल ही में दिवंगत हुए पूर्व विधानसभा सदस्य खूब राम पर शोकोद्गार प्रस्ताव से होगी। उसके बाद प्रश्नकाल प्रस्तावित है, लेकिन विपक्ष स्थगन प्रस्ताव लाकर आपदा पर चर्चा मांग सकता है। कोविड के दौरान जिस तरह से आपदा के दौरान काम राेको प्रस्ताव को जयराम सरकार ने चर्चा के लिए मंजूर किया था।
ठीक वैसे ही सुक्खू सरकार भी आपदा पर स्थगन प्रस्ताव लाने की स्थिति में कर सकती है। अगर प्रश्नकाल होता है तो मुख्यमंत्री सुक्खू इसके बाद सत्र की सप्ताह भर की कार्य सूची के बारे में जानकारी देंगे। लोक लेखा समिति के सभापति अनिल शर्मा भी सदन में विभिन्न प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद सीएम सुक्खू मानसून के कारण भारी भूस्खलन, विद्युत परियोजनाओं, पुलों, सड़कों, सिंचाई योजनाओं, निजी-सरकारी संपत्तियों तथा मवेशियों को हुए नुकसान को मद्देनजर रखते हुए केंद्र सरकार के समक्ष प्रदेश में राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की सिफारिश का प्रस्ताव रखेंगे। नियम 130 के तहत भी एक प्रस्ताव झंडूता के विधायक जीतराम कटवाल रखेंगे, जिसमें वह प्रदेश में कम वोल्टेज की समस्या दूर करने और घरों के ऊपर से बिजली के तार हटाने की बात करेंगे।
राज्यपाल से स्वीकृत विधेयक सभा पटल पर रखे जाएंगे। इनमें हिमाचल प्रदेश अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक 2021, हिमाचल प्रदेश को भूगर्भ जल विकास और प्रबंधन का विनियम व नियंत्रण संशोधन विधेयक-2023 और हिमाचल प्रदेश नगर निगम संशोधन विधेयक -2023 हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह अपने विभागों से संबंधित दस्तावेज पटल पर रखेंगे। उसके बाद मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश नगर पालिका सेवा संशोधन अध्यादेश -2023 की प्रति सदन में रखेंगे।
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