Himachal News: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला में पहली बार नैनो साइंस के ऊपर आधारित अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला आयोजित की जा रही है। यह कार्यशाला इंडियन एसोसिएशन आफ फिजिक्स टीचर्ज के सहयोग से बिलासपुर पीजी कॉलेज द्वारा आयोजित की जा रही है। कार्यशाला में करीब 80 देश के और इसके अलावा विदेशी अनुसंधानकर्ता एवं भौतिक विज्ञानी भाग ले रहे हैं।
अगले 6 दिनो तक चलने वाली कार्यशाला का आज विधिवत उद्घाटन किया गया । इस अवसर पर इंडियन ऑफ फिजिक्स टीचर्स के अध्यक्ष पीके अहलूवालिया ने बताया कि नैनो साइंस और कंप्यूटर साइंस वर्तमान समय हर क्षेत्र से जुड़ी होने के कारण बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है जिसको सीखना बहुत ही आवश्यक हो चुका है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही गर्व का विषय है कि भारत देश आज डिजिटल टेक्नोलॉजी के दौर में पहुंच चुका है और पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान के साथ बहुत ही मजबूती से उभर कर सामने आया है ।
वहीं, नेपाल से आए डेलीगेट ने बताया कि नैनो साइंस के साथ भारत अब बहुत तेजी से आगे बड़ रहा है जिससे आने वाले समय विश्व स्तर पर सभी देशों को पछाड़ने वाला है। उन्होंने बताया कि भारत और नेपाल दोनों ही देश इस समय तरक्की की ओर अग्रसर हैं और टेकनोलोजी के इस दौर में जिस तरह से अलग अलग विज्ञान अपना वृहद रूप लेकर सामने आ रहे हैं उसके साथ चलना और उसे सीखना बहुत ही आवश्यक हो चुका है।
वहीं, कॉलेज प्रिंसिपल प्रोफेसर नीना वासुदेवा ने कहा कि यह महाविद्यालय के लिए गौरव का विषय है कि अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन बिलासपुर महाविद्यालय में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला में एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर तथा रिसर्च स्कॉलर भाग ले रहे हैं और अभी तक सूरत, रायपुर, गोवा, सागर, मध्य प्रदेश, गुजरात और पश्चिम बंगाल से लगभग 80 प्रतिभागी इस कार्यशाला में भाग ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला के दौरान बिलासपुर कॉलेज के सभी प्रोफेसर सहयोगी के रुप में उपस्थित रहेंगे । उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला से कई छात्र-छात्राओं व फैकल्टी को अपना शोध करने में मदद मिलेगी।
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