इंडिया न्यूज़, हिमाचल प्रदेश: डिजिटल लेनदेन करते समय हमेशा धोखाधड़ी से बचने का प्रयास करना चाहिए। अगर देखा जाए तो डिजिटल बैंकिंग से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों में बीते कुछ वर्षों से लगातार वृद्धि हो रही है। कभी एसएमएस फिशिंग तो कभी केवाइसी अपडेट करने के जरिए या फिर आनलाइन लोन देने के नाम पर लोगों को धोखाधड़ी को शिकार बनाया जा रहा है। आज के समय में लोग मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल करके पैसों को एक जगह से दूसरी जगह पर भेजते हैं। आजकर मोबाइल बैंकिंग की पहुंच देश के लगभग सभी वर्गों तक हो चुकी है। इसका दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआइ) से डिजिटल भुगतान प्रणाली में क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ है।
कई संस्थान या धोखाधड़ी से जुड़े लोग बिना माइक्रो फाइनेंसिंग एप्स केवाईसी या दस्तावेजों का सत्यापन किए ही लोन दे देते हैं। लोगों को ऐसी धोखाधड़ी से सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि ये लोन एप पहले ग्राहकों को फंसाते हैं, उसके बाद उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं। इनसे लोगों को नुकसान का सामना करना पड़ता है। इसी वजह के चलते बीते दिनों केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मनी लांड्रिंग, डेटा चोरी, कस्टम नियमों के उल्लंघन और धोखाधड़ी की आशंका को देखते हुए कई ऐप्स पर पाबंदी लगा दी इसमें 138 बेटिंग और 94 लोन एप्स हैं।
लोगों को सस्ते लोन देने के लिए कई कंपनियां लुभाती रहती हैं। इसमें कई कंपनियां तो फर्जी होती हैं। वे लोन के लिए ऐप पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए एक लिंक पर भेजते हैं और कहते हैं कि इस लिंक पर क्लिक करने के बाद आपको लोन मिल जाएगा। इसके लिए सिक्योरिटी या दस्तावेजों की भी जरूरत नहीं होगी। लिंक पर क्लिक करने के बाद ऐप डाउनलोड करने को कहता है। आपको बता दें कि बैंक लिंक पर आवेदन करके या ऐप के जरिए लोन नहीं देता है। लिंक पर बार-बार क्लिक करने से आपकी निजी जानकारी शेयर हो सकती है। इससे आपके बैंक खातों के जरिए धोखाधड़ी की जा सकती है। इससे हमेशा बचना चाहिए।
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