India News (इंडिया न्यूज़), Himachal News: सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू का कहना है कि हिमाचल में मॉडल गो सदन बनेंगे। पायलट आधार पर किसी एक जिले को चुनकर इसका निर्माण होगा। इसके बाद अन्य जिलों में मॉडल गौ सदन का निर्माण होगा। कृषि मंत्री ने कहा कि गायों का भी हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। इसको लेकर कृषि विभाग को कहा गया है। सीएम ने कहा कि गर्म और सर्द इलाकों में कैसे सदन बनें, इसको लेकर भी अलग-अलग मॉडल बनाए जाएंगे। उन्होंने सड़कों पर पशुओं को लावारिस छोड़ने पर चिंता जाहिर की। मुख्यमंत्री ने यह जानकारी नियम 130 के तहत विधायक देवेंद्र कुमार भुट्टो, इंद्र दत्त लखनपाल, संजय रत्न और होशियार सिंह की ओर से गो संरक्षण पर उठाए गए मामले पर दी। इससे पहले विधायकों की चर्चा का जवाब देते हुए कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि पशुओं में चिप लगेगी। इसमें पशु मालिक का नाम, ब्लॉक और कोड नंबर लगेगा। जिस किसी का पशु होगा, उसे उसी के घर में पहुंचा दिया जाएगा। बाकायदा इसको लेकर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
चंद्र कुमार ने कहा कि मैं गो सदन निर्माण के खिलाफ हूं। इन पर 35 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि खर्च की गई है। गो सदन में पशुधन मर रहा है। चारा व पानी तक नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि गो को माता का दर्जा दिया गया है। विपक्ष ने गो सदन खोले, आज इनकी हालत देखी जा सकती है। लावारिस पशु छोड़ने पर पंचायत 500 रुपये का जुर्माना कर सकती है। वहीं पांच हजार रुपये तक का जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है, लेकिन इसे कोई नहीं कर रहा है। उन्होंने भाजपा विधायक से कहा कि एक दिन में ही गाय के खानपान का खर्चा 700 रुपये आता है। उन्होंने कहा कि डाॅक्टर गाय पर ध्यान नहीं देते हैं। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी गाय का टीकाकरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब डाॅक्टरों को गाय का टीकाकरण करना होगा। गलब्ज साथ रखने होंगे। उन्होंने मैसूर की पंचायत का भी हवाला दिया। यहां के प्रधान पशुओं को लावारिस छोड़ने पर जुर्माना लगाते हैं। पशु औषधालय में पशुओं से ज्यादा कुत्तों का इलाजशिमला। कृषि मंत्री ने कहा कि पशु औषधालयों में अब पशुओं से ज्यादा कुत्तों का इलाज होता है। कृषि विश्वविद्यालय में उन्होंने यह जाकर देखा है। लोग महंगी गाड़ियों में कुत्तों को इलाज करवाने के लिए लाते हैं।
विधायक देवेंद्र कुमार भुट्टो ने नियम 130 के तहत सदन में गोशाला एवं गो सेंक्चुरी निर्माण के लिए नीति बनाने का मामला उठाया। उन्होंने गोशाला निर्माण में धांधली का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार में उनके विस क्षेत्र कुटलैहड़ में पोल्ट्री फार्म के लिए 4-4 लाख आवंटित हुए, लेकिन कोई भी फार्म नहीं खुला। उन्होंने इसमें घोटाला होने का आरोप लगाया और जांच की मांग की। लावारिस पशुओं के लिए बने नीति : इंद्रदत्तविधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि लावारिस पुशओं की समस्या बढ़ती जा रही है। इस पर गंभीरता से विचार करते हुए ठोस नीति बनार्ई जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गोशालाएं बनी हैं, लेकिन उनमें सुविधाएं नहीं हैं।
विधायक संजय रत्न ने कहा कि जो लोग पशुओं को सड़कों पर छोड़ रहे हैं, उन पर जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लावारिस पशु फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। ये पशु सड़क पर हादसों का भी कारण बन रहे हैं। ऐसे में समस्या से निपटने के लिए ठोस नीति बनाए जाने की आवश्यकता है।
विधायक होशियार सिंह ने कहा कि ये सुना था कि पशुओं का चारा खा गए, लेकिन यहां तो पशु गोशाला ही खा गए। उन्होंने कहा कि लुथान में बनी गोशाला में भारी धांधली का आरोप लगाते हुए विजिलेंस जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि आरटीआई के माध्यम से उन्होंने सारे दस्तावेज जुटाए हैं।
विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि पूर्व सरकार में जो गोशालाएं बनी हैं, उनका रखरखाव सही नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि जहां गो सेंक्चुरी का निर्माण हुआ है, वहा पशुओं के लिए चारे वाले पेड़ लगाने की बात कही।
विधायक राजेश धर्माणी ने कहा कि नारों और वोट बैंक की राजनीति के बजाय लोगों को गोवंश पालने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि गो हमारी माता कहने से नहीं, यह व्यवहार में नजर आना चाहिए। उन्होंने कहा कि गोशालाओं के निर्माण में यदि कहीं भ्रष्टाचार हुआ है तो जांच होनी चाहिए। जो किसान-बागवान पशुओं को पाल रहे हैं, उनके द्वारा हर महिने पशुओं के पालन पोषण के लिए आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए।
विधायक डाॅ. जनक राज ने कहा कि पशुओं को छोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। जो पशु सड़कों पर घूम रहे हैं, उनके गले में रेडियम कॉलर लगाया जाना चाहिए। जिनके कान में टैग हैं, उनकी पहचान कर वापस उनके घरों में छोड़ने की जरूरत है। विधायक डीएस ठाकुर, विनोद कुमार और चैतन्य शर्मा ने भी चर्चा में भाग लिया।
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