India News (इंडिया न्यूज़), Himachal News: मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा अधिकारी 50 लाख रुपये तक की दवाइयां और उपकरणों की खरीद कर सकेंगे। इससे ज्यादा दवाओं, उपकरणों और मशीनों की खरीद फरोख्त के टेंडर स्वास्थ्य सेवाएं निगम करेगा। पहले स्वास्थ्य निगम की ओर से ही दवाओं और उपकरणों की खरीद की जानी थी। अस्पतालों में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए इन्हें वित्तीय शक्तियां दी गई हैं। सरकार ने सभी अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दे दिए हैं कि हिमाचल में सेवाएं सेवाएं निगम के बनने से पहले जो टेंडर कर रखे हैं, वह जारी रहेंगे, अब 50 लाख से अधिक के नए टेंडर नहीं कर पाएंगे।
हिमाचल प्रदेश में छह मेडिकल कॉलेज हैं। आईजीएमसी और टांडा को छोड़कर अन्य चारों मेडिकल कॉलेजों में करोड़ों रुपये की मशीनरियों, उपकरणों और दवाओं की खरीद होनी है। इसके अलावा राज्य में 100 से ज्यादा जोनल अस्पताल, सिविल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इन अस्पतालों में भी दवाओं की खरीद होती है, जिसे मेडिकल कॉलेज और अस्पताल प्रबंधन अपने स्तर पर खरीदता है। स्वास्थ्य सेवाएं निगम को कंपनी एक्ट में रजिस्टर किया जा चुका है। अब केवल बैंक से संबंधित औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। इसके बाद स्वास्थ्य सेवाएं निगम की तरफ से खरीद फरोख्त शुरू होगी।
प्रदेश सरकार ने हाल ही में स्वास्थ्य सेवाएं निगम बनाया है। इसमें एमडी से लेकर अन्य कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई है। कई अधिकारियों को निगम में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है।