इंडिया न्यूज़, हिमाचल प्रदेश: हिमाचल में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में अपना पहला बजट पेश किया। बजट में सीएम सुक्खू ने प्रदेश में चलने वाली कई बड़ी योजनाओं की बात कही। बजट के दौरान सीएम सुक्खू ने अपने भाषण में प्रदेश में विकास के लिए कृषी, पशुपालन, शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रदेश में उद्योग के अवसार, ग्रामिण विकास और नगरीय विकास जैसे तमाम योजनाओं को शुरू करने की बात की। सीएम सुक्खू के बजट प्रस्तुति के बाद सत्ता पक्ष ने इसे एक ऐतिहासिक बजट बताया। वहींं विपक्ष ने इसे दृष्टिहीन और खोखले बादों से भरा बजट करार दिया।
हिमाचल का बजट एक दृष्टिहीन और दिशाहीन बजट – जयराम ठाकुर
बजट प्रस्तुति के समापन के बाद नेता प्रतिपक्ष और हिमाचल के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने बजट को खोखला और दिशाहिन करार दिया। उन्होनें कहा कि हिमाचल का बजट एक दृष्टिहीन और दिशाहीन बजट है। अगर पूर्ण रूप से देखा जाए तो यह एक खोखला बजट है। बजट में केवल केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ उठाया गया है और उन योजनाओं में जितनी भी धनराशि हिमाचल प्रदेश को आ रही है। उसे प्रदेशवासियों को वितरित किया गया है।
केंद्र की योजनाओं के लाभ के बाद भी नहीं किया प्रधानमंत्री को धन्यबाद- जयराम ठाकुर
उन्होंने कहा कि सीएम ने केंद्र की योजनाओं का लाभ उठाते हुए भी पूरे बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वह शिव धाम की बात कर रहे हैं, पर इसका 40 करोड़ रुपये का टेंडर हो चुका है और उसका काम भी चल रहा है। मंडी एयरपोर्ट का काम काफी आगे बढ़ चुका है, पर इसको लेकर भी सरकार गोलमोल बातें ही कर रही है। उन्होंने कहा कि सीएम को झुट बोलना छोड़ देना चाहिए।
मार्क्सवादी क म्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रदेश सचिव ओंकार शाद ने कहा कि प्रदेश के बजट से कामगारों और बागवानों को कोई राहत नहीं मिला है। बजट में किसानों और बागवानों की घोर उपेक्षा की गई है। माकपा नेता शाद ने कहा कि मजदूरों के साथ आर्थिक न्याय नहीं हुआ है। किसानों और बागवानों के लिए कोई बजट प्रावधान नहीं किया गया है।
वहीं बीजेपी के विधायक व पूर्व मंत्री बिक्रम ठाकुर ने कहा कि बजट में नया कुछ नहीं है। हिमकेयर, सहारा योजना और मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना का बजट में जिक्र तक नहीं किया गया। जनता से झूठे वादे कर कांग्रेस ने सत्ता को प्राप्त किया है, लेकिन जिन गारंटियों को लेकर कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है, उनको पूरा करने के लिए बजट में कोई भी प्रावधान नहीं किया गया है। यह पहला ऐसा बजट है जिसमें किसी भी श्रेणी को राहत नहीं दी गई है।
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