इंडिया न्यूज़, हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने प्रदेश के डिनाटिफाई किए गए कॅालेजों को बंद करने जा रही है। सुक्खू के नेतृत्व वाली हिमाचल सरकार ने बीजेपी की सरकार पांचवें साल में खोले गए कॅालेजों को बंद करने का फैसला लिया है। इसके लिए सरकार ने प्रदेश के कॅालेजों का एक सर्वे कराया था। सर्वे के बाद सरकार ने कई कॅालेजों को डिनाटिफाई कर दिया था जिसके बाद अब हिमाचल की सुक्खू सरकार में डिनाटिफाई किए गए कॅालेजों को बंद करने जा रही है। हालांकि डिनाटिफाई किए गए संस्थानों में शिक्षण संस्थानों और स्वास्थ्य संस्थानों को नहीं रखा गया है।
हिमाचल प्रदेश में संस्थानों को डिनाटिफाई करने के लिए रिपोर्ट तैयार करायी गई थी। सरकार ने इसके लिए आधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट आने के बाद प्रदेश सरकार 19 कॅालेजों को बंद करने का फैसला ली है। कॅालेजों को बंद करने के अलावा सरकार 1 अप्रैल 2022 को अपग्रेड किए गए मिडिल, हाई और सेकेंडरी स्कूलों को भी डिनाटिफाई कर चुकी है। प्रदेश सरकार ने यह फैसला शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के आधार पर ली है।
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने कहा है कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर 5 लाख हजार करोड़ का बोझ है। यह बोझ प्रदेश में बेवजह खोले गए संस्थानों की वजह से है। हिमाचल प्रदेश पर पहले से ही 75 हजार करोड़ रुपए का बोझ है, उसके बावजूद प्रदेश की पूर्व सरकार ने प्रदेश में इन संस्थानों को खोलकर प्रदेश की आर्थिक स्थिति को खराब करने का काम किया है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने पूर्व की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पूर्व सरकार ने चुनावी फायदे के लिए ऐसा फैसला लिया था।
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