India News(इंडिया न्यूज़), Himachal News: कर्ज लेने के बावजूद ओवरड्राफ्ट में फंसी हिमाचल प्रदेश सरकार ने अब पानी बेचकर कर्ज चुकाने की तैयारी कर ली है।इसी कड़ी में बुधवार को मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक हुई।बैठक में जल शक्ति विभाग के प्रमुख अधिकारी शामिल हुए। मुख्य सचिव ने इन अधिकारियों से वित्तीय वर्ष 2017-18 में हस्ताक्षरित एमओयू पर चर्चा की।मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बार-बार यहां की नदियों और बीहड़ों में बहने वाले पानी को हिमाचल का बहता सोना बताया है। अब दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों को भी पानी देने की संभावना पर चर्चा हो रही है, ताकि राज्य की आय बढ़ाई जा सके।बिजली परियोजनाओं पर जल उपकर लगाने के बाद पंजाब और हरियाणा के विरोध का सामना कर रही हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने इस मुद्दे पर ऊर्जा सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है।
यह समिति बिजली परियोजनाओं का संचालन करने वाली कंपनियों से संवाद कर अगले 15 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। साथ ही इस संभावना पर भी काम शुरू हो गया है कि नदियों, नालों, नालों आदि में बहने वाले पानी को बाहरी राज्यों या उनके प्रतिष्ठानों को बेचकर राज्य की आय बढ़ाई जा सकती है। इस संबंध में राज्य सरकार के जल शक्ति विभाग द्वारा दिल्ली सरकार के साथ हस्ताक्षरित एमओयू पर विचार-विमर्श किया गया। इस एमओयू की तरह अन्य राज्यों से भी उस संभावना पर काम करने के लिए चर्चा की गई ताकि राज्य की आय में वृद्धि हो सके।उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश पर इस समय करीब 80 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। वर्तमान में सरकारी कोष खाली है और ओवरड्राफ्ट की स्थिति बनी हुई है।
सतलुज ब्यास लिंक (एसवाईएल) नहर का पानी हिमाचल प्रदेश के रास्ते हरियाणा भेजे जाने के मुद्दे पर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस संबंध में हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को प्रस्ताव दिया है कि इस पानी को हिमाचल के रास्ते हरियाणा ले जाया जाए। दरअसल इस मुद्दे पर पंजाब के साथ मतभेद के बाद ऐसा किया गया है। इस पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खट्टर के प्रस्ताव की निंदा करते हुए कहा कि जब हरियाणा ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट से विवाद जीत लिया है, तो पंजाब सरकार के खिलाफ अवमानना का मामला क्यों नहीं दायर किया जाता।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को प्रातः 11 बजे प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र तैयार करने को लेकर प्रारंभिक बैठक होगी। बैठक उपमुख्यमंत्री के कार्यालय में होगी। इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा एक कैबिनेट उपसमिति का गठन किया गया है। बैठक में कृषि मंत्री चंद्र कुमार और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह भी इसके सदस्य हैं।
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