India News (इंडिया न्यूज़), Himachal News : (संवाददाता अनील ठाकुर) हिमाचल में इतनी तबाही क्यों हुई और कैसे हुई ये सवाल सबके जेहन में है क्योंकि पिछले 6-7 दशकों से लेकर अब कर ऐसा मंजर किसी ने नहीं देखा था। देवभूमि हिमाचल में सिर्फ अकेले मॉनसून ने ही तबाही नहीं मचाई है बल्कि मॉनसून और पश्चिमी विक्षोभ के डबल इंजन पहाड़ों पर हुए तांडव के लिए जिम्मेदार है रिपोर्ट्स के मुताबिक यूरोप को पार कर तुर्कीये, ईरान, इराक, अफगानिस्तान औऱ पाकिस्तान से होकर आए पश्चिमी विक्षोभ ने पहाड़ों पर मॉनसून के साथ मिलकर हाहाकार मचाया है। अटलांटिक महासागर से उठी आर्द्र हवाओं ने अपने साथ कैस्पियन, भूमध्य और कालासागर से नमी जोड़ी औऱ दूसरी तरफ अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से चलने वाला म़ॉनसून इस बार हिमालय के फुटहिल तक पहुंच गया जो अमूमन मैदानी इलाकों तक सीमित रहता था। मॉनसून और पश्चिमी विक्षोभ ने मिलकर हिमालय पर मौत का तांडव खेला है। पश्चिमी विक्षोभ की अतिसक्रियता मॉनसून के वक्त भी बनी हुई है, मॉनसून के लिए इस बार एक किलोमीटर का लो प्रेशर बना हुआ है जो सामान्य स्थिति से कहीं ज्यादा है। पश्चिमी विक्षोभ मॉनसून को डबल ताकत प्रदान कर रहा है साथ ही हिमाचल में ज्यादा बारिश के लिए ग्लोबल कारण भी है।
आसामनी आफत से पहाड़ बुरी तरह टूट चुके हैं बादल पिछले 48 घंटों में हिमाचल पर काल बनकर बरसे हैं। 48 घंटों में हुए तीन बड़े हादसों के बाद राजधानी शिमला ने मौत का तांडव देखा है। हर तरफ चीख पुकार है असहाय लोगों के पास भगवान से रहम करने की दुआ करने के आलावा कोई चारा नहीं है। 2 दिन में प्रदेश ने 60 से ज्यादा लोगों को खो दिया है, शिमला में 18, मंडी में 18 और सोलन में 11 लोगों की मौत हुई है। प्रदेश में बादल 357 फीसदी ज्यादा बरसे हैं औऱ शिमला में कई लोग खौफ के साए में आकर रातें घरों के बाहर बिता रहे हैं। शिमला में UNSCO की धरोहर को भी बारिश ने तहस नहस कर दिया है, समरहिल में बादल फटने के बाद शिमला कालका ट्रैक बुरी तरह तहस नहस हो गया और मलबे ने शिवबॉड़ी स्थित शिव मंदिर को अपनी चपेट में ले लिया। सावन का आखिरी सोमवार था सुबह के साढ़े सात बज रहे थे औऱ मंदिर में 20 से 25 श्रद्धालु जलाभिषेक करने पहुंचे थे ये सभी लोग पानी के साथ आए मलबे में दब गए 13 शवों को निकाल लिया गया है और रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है, शिमला यूनिवर्सिटी के करीब हुए इस हादसे ने HPU से जुड़े कई लोगों की जिंदगियों को लील लिया, 2 प्रोफेसर्स के शव बरामद हुए हैं वहीं 2 बच्चियों समेत 7 लोगों का एक ही परिवार खत्म हो गया, शिमला के फागली में लैंडस्लाइड के चलते 5 लोगों की मौत हो गई, वहीं लालपानी के कृष्णानगर में पूरा पहाड़ नीचे आ गया जिसमें 4 इमारतें धाराशायी हो गई, वहां कई लोग दबे हुए हो सकते हैं। वहीं मंडी जिले ने जुलाई के बाद अगस्त में फिर तबाही देखी है कई जगह बादल फटने के खबरें पिछले 48 घंटों में आईं हैं और लगातार अलग अलग हिस्सों में बादल जमकर बरस रहे हैं, हिमाचल में नेशनल हाइवे बंद हैं वहीं 7 से ज्यादा सड़कें भी ठप्प पड़ीं हैं।
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