India News (इंडिया न्यूज़), Himachal News: हिमाचल के PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिल्ली में नितिन गडकरी से मुलाकात की, मुलाकात बहुत औपचारिक थी। नितिन गडकरी, प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य की गुलदस्ते वाली कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर चलीं। मुलाकात के वक्त ज्यादा कुछ निकल कर सामने नहीं आया। बस कुछ खबरें ऐसी नजर आईं कि नितिन गडकरी ने ‘सेतु भारतम परियोजना’ के तहत हिमाचल प्रदेश को 300 करोड़ की सहायता राशि प्रदान की है। जिससे हिमाचल में क्षतिग्रस्त पुलों का निर्माण कार्य फिर से शुरू होगा।
वहीं प्रैस वार्ता में PWD मंत्री के तेवर कुछ बदले-बदले नजर आए। ऐसा लग रहा था मंत्री कहना तो बहुत कुछ चाहते हैं पर कह कुछ नहीं पा रहे हैं। गले की फांस समझिए या सत्ता का डर। विक्रमादित्य सिंह ने सवालों के जवाबों में कहा कि कुल्लू – मनाली मार्ग पर जल्द से जल्द रेस्टोरेशन का काम किया जाए। विक्रमादित्य सिंह ने यहां दो टूक कह दिया कि अधिकारी हमें ना बताएं कि हमें कैसे काम करना चाहिए। कुछ अफसर लक्ष्मण रेखा को लांघने का काम कर रहे हैं, उन्हें बक्शा नहीं जाएगा। PWD मंत्री ने कहा कि कुछ प्रपोजल यहां बनाए जाते हैं। परवाणु लांघते-लांघते दिल्ली पहुंचते ही वो बदल जाते हैं। हमें प्रदेश की जनता ने चुन कर यहां तक लाया है। तो ये हमारा कर्तव्य बनता है कि हम जनता के साथ खड़े रहें। ये बात बिलकुल सही है कि एक अच्छी और एक सफल सरकार के लिए अधिकारियों और सरकार के बीच आपसी सही तालमेल होना बेहद जरूरी है। बिना तालमेल के सरकार नहीं चल सकती।
विक्रमादित्य सिंह के बयान के बाद पूरे प्रदेश में सियासत तेज हो गई है। सियासत इस कदर की विपक्ष अफसरशाही और संगठन के मुद्दे पर सत्ताधारी सरकार को घेर रहा है। दिन प्रतिदिन बयानबाजियां तेज हो गई हैं। प्रतिभा सिंह से जब इस मुद्दे पर बात की गई तो प्रतिभा सिंह ने ज्यादा कुछ नहीं कहा। सीएम सुक्खू ने इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अगर आपसी तालमेल अधिकारियों के साथ नहीं होता तो बाढ़ प्रभावितों तक समय पर राहत राशि कैसे पहुंचती। सीएम ने कहा कि विपक्ष हमें ये बताए कि उनके समय 7 मुख्य सचिव बदले गए हैं वो अपने गिरेबान में झांककर देखें। सीएम ने कहा कि अधिकारी हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं।
दरअसल विपक्ष को ये एक मुद्दा मिल गया है. इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार को विपक्ष जमकर आड़े हाथों ले रहा है। बीजेपी प्रवक्ता महेंद्र धर्माणी का बयान भी इस मामले में सामने आया है। उन्होंने कहा है कि ऐसे बयानों से प्रदेश का विकास ठप हो रहा है. जिस विश्वास के साथ जनता ने कांग्रेस को सरकार सौंपी थी उसके अनुरूप सरकार काम नहीं कर रही है। सरकार और संगठन के बीच द्वंद चल रहा है। बता दें हिमाचल में फिलहाल 3 पद खाली पड़े हुए हैं। इसके अलावा बड़े स्तर पर अलग-अलग बोर्ड और निगमों में चेयरमैन, वाइस चेयरमैन की नियुक्ति होनी है। सभी नेताओं को अपनी नियुक्ति का इंतजार है और साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ये एडजेस्टमेंट बेहद जरूरी है।
ये भी पढ़े- हिमाचल में संकट बना मॉनसून, अब तक हुई 188 लोगों की मौत, प्रदेश में हुआ ऑरेंज अलर्ट जारी