इंडिया न्यूज़, हिमाचल प्रदेश: सरकार ने प्रदेश की लोकतंत्र प्रहारी सम्मान योजना को बंद कर दिया है। ये योजना इंदिरा गांधी सरकार में लगी इमरजेंसी के वक्त जेल गए नेताओं के लिए शुरु की गई थी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने पूर्व की भाजपा सरकार की इस योजना को बंद करने का फैसला किया।
योजना के बंद होने पर 700 नेताओं को बड़ा झटका लगा है। पूर्व की जयराम सरकार योजना के तहत इमरजेंसी के वक्त 15 दिन जेल में रहे नेताओं को 12 हजार और इससे ज्यादा दिनों तक जेल में रहने वाले नेताओं को 20 हजार रुपए पेंशन देने का प्रावधान किया था। 700 नेताओं को पेंशन देने के लिए पूर्व की बीजेपी सरकार ने लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना शुरू की थी।
बता दे कि पूर्व की जयराम सरकार ने 2019 में बजट अभिभाषण के दौरान इस योजना को शुरु किया था। इमरजेंसी मे 25 जून 1975 से मार्च 1977 तक डिफेंस ऑफ इंडिया रूल के तहत जेल और थानों में पुलिस की गिरफ्त में रहने वाले लोगों को लोकतंत्र प्रहरी सम्मान राशि देने का प्रावधान था।
इमरजेंसी के दौरान जेल जाने वाले प्रमुख नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राधा रमण शास्त्री, पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज, महेंद्र नाथ सॉफ्त और पूर्व मंत्री स्वर्गीय श्याम शर्मा शामिल थे।
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