India News (इंडिया न्यूज़) Himachal: मेले एवं त्यौहार हमारी प्राचीन संस्कृति की धरोहर है और हिमाचल प्रदेश के विभिन्न शहरों ग्रामीण क्षेत्रों में यह मेले देखने को मिलते हैं। यह मेले एवं त्यौहार हमारे जीवन का हिस्सा बन चुके हैं।यह बात स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ कर्नल धनीराम शांडिल्य ने झंडुत्ता में आज वैशाखी नलवाड़ मेला झंडुता का शुभारंभ करने के उपरांत जनसभा को संबोधित करते हुए कही।
इस मौके पर उनके साथ क्षेत्र के विधायक जेआर कटवाल कांग्रेस प्रदेश महासचिव विवेक कुमार पूर्व विधायक बंबर ठाकुर भी मौजूद रहे।
मेले हमारे जीवन का हिस्सा बन चुके है- धनीराम शांडिल्य
उन्होंने कहा कि मेले चाहे निचले हिमाचल में आयोजित हो चाहे ऊपर हिमाचल शिमला लाहौल स्पीति में चौपाल मैं आयोजित हो अब यह हमारे जीवन का हिस्सा बन चुके हैं। इससे जहां पर हमारी प्राचीन परंपरा की पहचान होती है वहीं पर हमारी धार्मिक संस्कृति से भी लोग रूबरू होते हैं। उन्होंने कहा कि 60 से 70 वर्ष पहले से ही मेले हमारे जीवन के संग रहे हैं और इसमें दूरदराज के लोगों को आपस में मिलने का अवसर मिलता है।
लोगों को भाईचारे का मौका इन मेलों में मिलता- धनीराम शांडिल्य
मंत्री ने कहा कि इन मेलों के द्वारा लोग एक दूसरे से मिलते हैं दूरदराज के लोगों को आपस में मिलने का भाईचारे का मौका इन मेलों में मिलता है। उन्होंने कहा कि यह मेले हमारी प्राचीन संस्कृति को संजोए हैं और इनका आयोजन करने में सरकार पूरी तरह से ग्रामीण क्षेत्रों में सहयोग करती है ताकि यह मेले इसी प्रकार चलते रहे और लोगों का भाईचारा प्रेम इसी प्रकार बढ़ता रहे।