Himachal Politics: राहुल गांधी के मामले में प्रदेश में काग्रेस पार्टी के समर्थक और कार्यकर्ता आए दिन इस मामले को लेकर प्रदेश में प्रदर्शन कर रहे है। अब इसे मामले पर काग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी और लगभग सभी विपक्षी पार्टी एक ही सूर में इस कार्यवाही को बीजेपी सरकार की सोची- समझी साजिश करार दे रहे है। उधर बीजेपी इस कार्यवाही को संविधानिक बता रही है। हिमाचल में राहुल गाधी के मामले को लेकर बीजेपी के प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जमवाल औप अन्य नेताओं ने कांग्रेस पर पूरे देश में इस मामले को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया।
बीजेपी के प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जमवाल , राकेश जमवाल और त्रिलोक कपूर ने एक संयुक्त बयान में कहा की कांग्रेस पूरे देश भर और प्रदेश भर में भ्रम फैलाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की सदस्यता को रद्द किया गया वह संविधान के अनुच्छेद 102 के तहत और पीपल रिप्रेजेंटेशन एक्ट 1951 के सेक्शन 8 के अंतर्गत नियम अनुसार था। कांग्रेस के नेता यह जानते हैं तभी केवल इस मुद्दे को राजनीति के अखाड़े में लाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस केवल इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देना चाहती है और कुछ भी नहीं। विपक्षी दल भी कांग्रेस के साथ केवल इसलिए जुड़े हैं क्योंकि उनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से भय होने लग गया है।
उन्होंने कहा कि इन नियमों के तहत राहुल गांधी ऐसे पहले सांसद नहीं है जिन्होंने अपनी सदस्यता खोई है , कई बीजेपी और कांग्रेस के सांसद पहले भी अपनी सदस्यता इस कानून के अंतर्गत खो चुके हैं और अगर राहुल गांधी को लगता था कि उनको राहत मिल सकती थी तो वह कोर्ट क्यों नहीं गए और उन्होंने वहां अपील क्यों नहीं करी।इससे पहले भी इन के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा के साथ जब ऐसा ही हुआ था तो उन्होंने 15 मिनट के अंतर्गत सुप्रीम कोर्ट से बेल ले ली थी क्या एसा राहुल गांधी के लिए कांग्रेस पार्टी नहीं कर सकती थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी चाहे आंदोलन कर ले या राजनीतिक वातावरण को बिगाड़ने का प्रयास कर ले पर जनता सब जानती है।
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