इंडिया न्यूज़, हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश सरकार ने विधानसभा में पेपरलैस व्यवस्था लागू कर दी है और अब राज्य सचिवालय को भी पेपरलैस करने की तैयारी में है। सचिवालय के साथ- साथ विभागों के निदेशालय और जिलाधीश कार्यालय भी ई-ऑफिस प्रणाली से चलेंगे। इस बारे में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना में संबंधित विभागों के साथ बैठक करके सभी को काम सौंप दिए हैं। ऑफिसों को पेपरलैस बनाने की प्रक्रिया को राज्य का आईटी विभाग संपन्न करवाएगा।
इससे पहले भी ई-ऑफिस शुरू करने की तैयारी सचिवालय में की जा रही थी और कुछ शाखाओं को प्रणाली को तहत जोड़ा भी गया था, लेकिन राज्य में विधानसभा चुनाव के चलते सारी प्रकिया को रोक दिया गया था। पहले भी कुछ संस्थान पेपरलैस व्यवस्था को लागू कर चुके हैं। अब सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश के बाद यह तैयारी शुरू की गई है।
एडवाइजरी विभाग की फाइलों को लेकर राज्य सचिवालय के पास बड़ी चुनौती है। पेपरलैस प्रणाली शुरू होने से पहले इन विभागों की फाइलों स्कैन करना पड़ेगा। विभाग चाहते हैं कि इन फाइलों को स्कैन किया जाए। एक अनुमान के मुताबिक इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए लगभग 20 लाख पेज को स्कैन करना पड़ेगा। इसके लिए सचिवालय की शाखाओं ने 70 कम्प्यूटर और इतने ही स्कैनर की मांग की है। क्योंकि इस प्रक्रिया में फाइल केवल सिर्फ कम्प्यूटर पर ही चलता है।
अगर सीएम सुक्खू ने बजट भाषण में इसके लिए बजट का ऐलान कर देते हैं तो सारी प्रक्रिया समय से शुरू हो जाएगी। आईटी विभाग अप्रैल से सभी विभागों के लिए ट्रेनिंग शुरू करेगा। राज्य सचिवालय की कई शाखाओं में पहले ही ट्रेनिंग दी जा चुकी है। हालांकि नए सॅाफ्टवेयर के चलते दोबारा ट्रेनिंग दी जाएगी।
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