इंडिया न्यूज़ हिमाचल प्रदेश: जब हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने घोषणा पत्र जारी किया था, जिसमें प्रदेश की जनता को 10 गारंटी दी गई थी। जिसमें से एक गारंटी बागवानों के लिए भी थी। इस गारंटी में कहा गया थी कि प्रदेश में बागवानी की खेती करने वाले लोग कांग्रेस की सरकार आने पर अपनी फसल का दाम खुद तय कर सकेंगे। वहीं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह संभव नहीं है कि बागवान अपनी फसल का दाम खुद करें, लेकिन सरकार बागवानों को उचित दाम दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए हिमाचल सरकार पूरी प्रयास कर रही है।
बागवान मंत्री के बयान के बाद विपक्ष भी हिमाचल सरकार पर हमलावर हो गया है। बीजेपी के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंत्री के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस धीरे-धीरे घोषणा पत्र की सभी गारंटियों को पीछे हटा रही है। वहीं हिमाचल के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि हिमाचल सरकार बागवानों के साथ धोखा कर रही है।
बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने गुरुवार को पत्रकारों को अपने सरकारी आवास पर बुलाकर अपने बयान को लेकर सफाई देने की पूरी कोशिश की। बागवान मंत्री ने कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार अपनी सभी गारंटियों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार घोषणा पत्र में की गई सभी गारंटियों को चरणबद्ध तरीके से पूरा करेगी। हालांकि मंत्री ने स्पष्ट नहीं किया कि बागवान अपनी फसलों के दाम तय कर सकते हैं या नहीं।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में आने से पहले प्रदेश की जनता को दस गारंटी दी थी। सरकार के गठन के बाद से एक भी गारंटी पूरी नहीं हो सकी है। जनवरी में हुई हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की पहली बैठक में पुरानी पेंशन को बहाल करने की घोषणा की गई, लेकिन अभी तक इसकी अधिसूचना जारी नहीं हो सकी है। वहीं 18 से 59 वर्ष के लोगों को हर महीने 1500 रुपये देने और एक लाख युवाओं को रोजगार देने के लिए कैबिनेट समिति का गठन किया गया है। प्रदेश की जनता गारंटी को पूरा करने का इंतजार कर रही है।
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