India News (इंडिया न्यूज़), Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी वायु कमान के हेलिकॉप्टरों द्वारा पिछले 48 घंटों में 50 से भी ज्यादा उड़ाने भरीं गई। जिससे प्रदेश के कांगड़ा जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 780 से ज्यादा नागरिकों को बचाया। भारतीय वायुसेना के अधिकारियों द्वारा बुधवार को इसकी जानकारी दी गई।
कांगड़ा जिले के फतेहपुर उप-मंडल में चल रहे राहत और बचाव कार्यों पर बोले कांगड़ा के उपायुक्त, निपुण जिंदल। उनका कहना है कि 15 अगस्त को कुल 800 फंसे नागरिकों को बचाया गया था। भारतीय सेना, एनडीआरएफ तथा भारतीय वायु सेना की मदद से आगे का बचाव अभियान भी जारी है। अब तक वहां से निकाले गए लोगों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। उनके लिए राहत शिविर कैंप की स्थापना भी की गई है।
इससे पहले, बुधवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांगड़ा जिले के इंदौरा और फतेहपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने पोंग जलाशय की बाढ़ग्रस्त निचली धारा में चल रहे निकासी प्रयासों और अन्य राहत कार्यों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने डमटाल और शेखपुरा में राहत शिविरों में लोगों से बातचीत करते हुए उनका कुशलक्षेम पूछा और उन्हें सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
सीएम ने राज्य के ऊपरी इलाकों में भारी बारिश और बाढ़ से हुई जान-माल की हानि पर भी चिंता व्यक्त की। सुक्खू ने कहा कि सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ है। सैकड़ों स्थानीय लोगों ने असहाय होकर अपने घरों को बहते देखा, जबकि फसल काटने वाले विशाल क्षेत्र पानी में डूब गए, जिससे किसानों को अप्रत्याशित नुकसान हुआ।
प्रदेश में 13 से 15 अगस्त तक लगातार हुई बरसात ने कुल 71 लोगों की जान ली है, अब तक 24 जून से शूरू हुए मानसून में शुद्ध वित्तीय नुकसान लगभग 7,500 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है। करीब 300 से ज्यादा लोगों की जान गई है। हजारों घर तबाह हो चुके है।
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