India News (इंडिया न्यूज़), Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश सरकार ने ब्यास नदी बेसिन और उसकी सहायक नदियों के बारहमासी और गैर-बारहमासी दोनों नालों पर सभी स्टोन क्रशरों के संचालन को अगले आदेश तक तुरंत बंद करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को यह बात कही।
मुख्यमंत्री के मुताबिक, यह निर्णय वर्तमान मॉनसून की बरसात के समय पारिस्थिति की तंत्र के खतरनाक परिवर्तन को ध्यान में रखकर लिया गया है, जिसने ब्यास नदी बेसिन और मंडी, कुल्लू, कांगड़ा तथा हमीरपुर जिलों में इसकी सहायक नदियों के अलावा चक्की नदी में तबाही मचाई है।
राज्य की नाजुक पारिस्थितिकी और पर्यावरण को संरक्षित करने, मानव बस्तियों और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। हालांकि वैध खनन का पट्टा रद्द नहीं किया गया है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मौजूदा कैप्टिव और अस्थायी स्टोन क्रशर इस आदेश के दायरे में नहीं आएंगे। उन्होंने कहा कि ऐसी विनाशकारी स्थिति पैदा करने वाले कारकों की पहचान करने के लिए एनआईटी, आईआईटी, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों तथा विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों को आमंत्रित करने के लिए एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ परामर्श बैठक बुलाने के लिए पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग को निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री का कहना है कि विभाग अवैज्ञानिक तथा अवैध खनन गतिविधियों के संचयी प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए एक बहु क्षेत्रीय विशेषज्ञ समिति का गठन करके एक व्यापक वैज्ञानिक अध्ययन भी करेगा एवं निष्कर्षों के आधार पर दूर की सीमाओं को फिर से परिभाषित करने का भी आंकलन करेगा, जिससे अधिक प्रभावी विनियमन की अनुमति मिल सके एवं नदी प्रणाली में पर्यावरण को संरक्षित करने तथा राज्य में ऐसी किसी भी मानवजनित प्रेरित आपदाओं से बचने के लिए ऐसे अभियानों का प्रबंधन करना।
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