इंडिया न्यूज़, हिमाचल प्रदेश (Himachal pradesh): हिमाचल प्रदेश की विधानसभा के बाहर देवभूमि सवर्ण संगठन के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने चौड़ा मैदान में एकत्रित होकर विधानसभा तक मार्च निकाला। देवभूमि सवर्ण संगठन ने हिमाचल सरकार पर जातीय भेदभाव का आरोप लगाया है, जिसे संगठन के कार्यकर्ताओं मे बर्दाश्त न करने की बात कही है। संगठन के कार्यकर्ताओं ने कहा कि सवर्ण आयोग का गठन तो किया गया है, लेकिन सरकार इसे लागू नहीं कर रही है। सरकार को चाहिए कि लोगों के हितों का ध्यान रखे।
संगठन ने आर्थिक आरक्षण देने की किया मांग
देवभूमि सवर्ण संगठन ने कहा कि सवर्ण समाज के साथ आज तक स्कूल से लेकर बच्चे, नौजवान रोजगार के क्षेत्र में किसान और सभी क्षेत्रों में आरक्षण के आधार पर भेदभाव किया जाता रहा है। इसे खत्म करने के लिए संगठन के लोग मशाल लेकर लगातार पैदल यात्रा कर रहे हैं और वे राज्य व प्रदेश सरकार से आग्रह करते हैं कि इस ओर ध्यान देकर इस भेदभाव को दूर किया जाए और आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की व्यवस्था की जाए।
सवर्ण समाज के साथ हो रही है भेदभाव की राजनीति
देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर ने कहा कि आजतक जो भी राजनीतिक दल सत्ता में आई उसने ही सवर्ण समाज के साथ छल कपट और भेदभाव की राजनीति की। जाति के आधार पर दिए जाने वाले आरक्षण को जल्द खत्म किया जाना चाहिए। सरकार प्रदेश के लोगों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की व्यवस्था को लागू करे। उन्होंने कहा कि 2018 से स्वर्ण हितों की लड़ाई शुरू की है। यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक हक नहीं मिल जाएगा।
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