इंडिया न्यूज़, हिमाचल प्रदेश (Himachal pradesh): हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच जोरदार बहसबाजी हुई। नियम-67 के तहत हो रही चर्चा में विधायकों ने विपक्ष के सदस्यों को घेरने का पूरा प्रयास किया। भोरंज विधानसभा क्षेत्र के सुरेश कुमार ने कहा कि विपक्ष के विधायक संस्थान बंद करने की बात कह रहे हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि कांग्रेस सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग को बंद करने का बड़ा फैसला लिया। उन्होंने इसे भ्रष्टाचार का अड्डा बताया। विधायक सुरेश कुमार ने विपक्ष से सवाल किया कि विपक्ष के विधायकों को जवाब देना चाहिए कि कोरोना काल के दौरान क्यों बीजेपी के अध्यक्ष और स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा था।
हिमाचल प्रदेश में बजट के दौरान पक्ष विपक्ष में हुआ जमकर सवाल जवाब
सुरेश कुमार ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग को बंद करने का लिया बड़ा फैसला
विपक्ष से किया सवाल, कोरोना काल में क्यों इस्तीफा दिए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री
विपिन परमार ने कहा कि तथ्य दें इस्तीफा देने को तैयार हूं
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और सुलह विधानसभा क्षेत्र से विधायक विपिन सिंह परमार ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से अनुमति लेने के बाद कहा कि सुरेश कुमार पहली बार सदन में जीत कर आए हैं। उनका बहुत स्वागत है, लेकिन वह सदन में गलत तथ्यों को पेश करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर वह सही तथ्य लेकर आएं तो वह सदन से इस्तीफा देकर सदन से बाहर चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि उनके पास कोई तथ्य नहीं है। वह अपनी छवि बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। इस पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि तथ्यों से बाहर कही गई बात को रिकॅार्ड से हटा दिया जाएगा।
घोटाले के समय विधानसभा अध्यक्ष थे परमार
आपको बता दें कि पूर्व बीजेपी सरकार के दौरान कोरोना काल प्रदेश के अंदर एक कथित घोटाला सामने आया था। इस घोटाले के बाद तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष राजीव बिंदल ने इस्तीफा दे दिया था। इस मामले से पूर्व स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार का कोई लेना देना नहीं था। क्योंकि घोटाले के समय वे विधानसभा अध्यक्ष बन चुके थे। ऐसे में जब विधायक सुरेश कुमार ने सदन में यह बात उठाई, तो विपिन सिंह परमार ने इसका पुरजोर विरोध किया।
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