Himachal Pradesh: शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आयोजित वन वर्ल्ड टीबी सम्मेलन में वर्चुअली शामिल हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने टीबी मुक्त पंचायत सहित विभिन्न पहलुओं की शुरुआत की। इस मौके पर हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने केंद्र सरकार के कामों की साहाराना की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एन.टी.ई.पी.) के माध्यम केन्द्र एवं राज्य सरकारों ने पिछले दो दशकों में क्षय रोग पर नियंत्रण के लिए बेहतर कार्य किया है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रदेश में एक टीबी सेनेटोरियम, 12 जिला क्षय रोग केन्द्र, 78 क्षय रोग इकाइयां, 239 सूक्ष्मदर्शी केन्द्र, एक आई.आर.एल. और 2 सी एंड डीएसटी प्रयोगशालाएं कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि 2025 के राष्ट्रीय लक्ष्य से पहले ही प्रदेश को वर्ष 2023 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने लोगों से टीबी मुक्त भारत के अभियान से जुड़कर ‘निःक्षयमित्र’ बनने का आह्वान किया ताकि अधिक से अधिक मरीजों को गोद लिया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में टीबी की जांच दर भारत में सबसे अधिक है, इसलिए प्रदेश भारत में उच्चतम टीबी अधिसूचना दर प्राप्त कर रहा है।
इस मौके पर राज्यपाल ने हाल ही में आई नीति आयोग की रिपोर्ट में भी इसकी सराहना की गई है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद विभाग ने टीबी मुक्त हिमाचल अभियान में औपचारिक रूप से भाग लिया है। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने जानकारी दी कि प्रदेश में टीबी मुक्त हिमाचल एप भी विकसित किया गया है, जो गूगल प्ले स्टोर पर निःशुल्क उपलब्ध है। यह ऐप वन प्वाइंट प्लेटफार्म है, जहां यूजर को टीबी के लक्षणों की जानकारी मिलती है। उन्होंने कहा कि संस्थानों के भीतर बीमारी को फैलने से रोकने में मदद करने के लिए प्रदेश के प्रत्येक अस्पताल में वायु संक्रमण नियंत्रण हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं।